FD निवेशकों के लिए आ गए अच्छे दिन! रेपो रेट बढ़ने से बढ़ेगी ब्याज, कैसे मिलेगा लाभ..समझिए |

FD निवेशकों के लिए आ गए अच्छे दिन! रेपो रेट बढ़ने से बढ़ेगी ब्याज, कैसे मिलेगा लाभ..समझिए

RBI Monetary Policy : आरबीआई ने पिछले महीने यानी 4 मई को भी 40 बेसिस प्वाइंट रेपो रेट बढ़ाया था। इस तरह से मात्र 36 दिन के अंदर ही रेपो रेट में कुल 0.90 फीसदी की वृद्धि हो चुकी है। इसका सीधा मतलब है कि फिक्स डिपोजिट (एफडी, FD) निवेशकों के लिए भी ये अच्छे दिन होंगे।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:49 PM IST, Published Date : June 10, 2022/6:25 pm IST

RBI Monetary Policy : रिजर्व बैंक ने अपनी 3 दिन की बैठक के बाद रेपो रेट में 0.50 फीसदी यानी 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है। इसका बहुआयामी प्रभाव होगा, एक तरफ जहां आम लोगों के लिए लोन महंगे और ईएमआई बढ़ेगी तो वहीं दूसरी तरफ मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।

आरबीआई ने पिछले महीने यानी 4 मई को भी 40 बेसिस प्वाइंट रेपो रेट बढ़ाया था, इस तरह से मात्र 36 दिन के अंदर ही रेपो रेट में कुल 0.90 फीसदी की वृद्धि हो चुकी है। इसका सीधा मतलब है कि फिक्स डिपोजिट (एफडी, FD) निवेशकों के लिए भी ये अच्छे दिन आने वाले हैं। एफडी में निवेश करने वाले लोग लंबे समय से ब्याज दरों में गिरावट देख रहे हैं।

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8 साल में 40 फीसदी तक घट चुकीं हैं एफडी ब्याज दरें

RBI Monetary Policy: एसबीआई का ही आंकड़ा देखें तो पिछले 8 साल में देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक की एफडी ब्याज दरें 40 फीसदी तक घट चुकी हैं। सितंबर 2014 में एसबीआई एफडी पर 9 परसेंट की हाइएस्ट ब्याज दर ऑफर कर रहा था। मई 2020 में यह घट कर 5.4 फीसदी पर आ गया। एफडी में ब्याज दरों का घटना सीनियर सीटिजन के लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि इस ब्याज से ही बहुत सारे अपने महीने का खर्च मैनेज करते थे।

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अब एफडी पर बढ़ेंगी ब्याज दरें

लगातार दो बार रेपो रेट में बढ़ोतरी से फिर से एफडी पर ब्याज दरें बढ़ेंगी। इस आधार पर देखें तो अगर एफडी इंट्रेस्ट रेट में 90 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी हो तो ब्याज दर 5.5 प्रतिशत से 6.4 फीसदी हो जाएगी। इस आधार पर गणना करें तो 5 साल के लिए एक लाख रुपए की एफडी पर अन्त में आपको अतिरिक्त 5958 रुपए का ब्याज मिलेगा।

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हालांकि जब भी पॉलिसी रेट हाइक होता है को लोन तेजी से महंगे होते हैं लेकिन एफडी की ब्याज दरों में धीमे-धीमे बढ़ोतरी होती है। बैंक एफडी पर ब्याज दरों को देर से बढ़ाते हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि बैंकों के पास पर्याप्त नकदी और एफडी के लिए बहुत ज्यादा जल्दी में नहीं रहते हैं।