नयी दिल्ली, 20 मार्च (भाषा) ई-कॉमर्स और तीसरा पक्ष लॉजिस्टिक्स कंपनियों की उच्च मांग के कारण पिछले साल भंडार गृह या गोदाम परिसंपत्तियों में संस्थागत निवेश तीन गुना होकर लगभग दो अरब डॉलर पर पहुंच गया।
रियल एस्टेट परामर्शक, वेस्टियन ने बृहस्पतिवार को वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स (डब्ल्यू एंड एल) पर एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें कहा गया कि इस खंड को कैलेंडर वर्ष 2024 के दौरान 1.96 अरब डॉलर का निवेश प्राप्त हुआ, जबकि पिछले वर्ष यह 64.58 करोड़ डॉलर था।
परामर्शक कंपनी ने कहा, ‘‘त्वरित वाणिज्य क्षेत्र के तेजी से विस्तार के बीच गोदामों की बढ़ती मांग के कारण निवेश प्रवाह में सालाना आधार पर 203 प्रतिशत की वृद्धि हुई। नतीजतन, मांग में इस उछाल के चलते वर्ष 2024 में 4.49 करोड़ वर्ग फुट का रिकॉर्ड उपयोग हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में 19 प्रतिशत की वृद्धि है।’’
सात प्रमुख शहरों में गोदाम स्थलों के कुल पट्टे में से, तीसरे पक्ष की लॉजिस्टिक्स कंपनियों ने 33 प्रतिशत का योगदान दिया, जबकि इंजीनियरिंग और विनिर्माण ने 24 प्रतिशत का योगदान दिया।
वेस्टियन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) श्रीनिवास राव ने कहा कि सकारात्मक निवेशक धारणा, केंद्रीय बजट 2025-26 में घोषणाओं और मजबूत घरेलू मांग के कारण एक प्रमुख लॉजिस्टिक्स केंद्र के रूप में भारत की स्थिति मजबूत होने वाली है।
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