उद्योग जगत ने व्यक्तिगत आयकर दरों को घटाने की मांग की, चीन की डंपिंग पर जताई चिंता |

उद्योग जगत ने व्यक्तिगत आयकर दरों को घटाने की मांग की, चीन की डंपिंग पर जताई चिंता

उद्योग जगत ने व्यक्तिगत आयकर दरों को घटाने की मांग की, चीन की डंपिंग पर जताई चिंता

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Modified Date: December 30, 2024 / 05:05 PM IST
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Published Date: December 30, 2024 5:05 pm IST

नयी दिल्ली, 30 दिसंबर (भाषा) मध्यम वर्ग के हाथों में अधिक खर्च करने योग्य आय सुनिश्चित करने के लिए सरकार को वित्त वर्ष 2025-26 के आम बजट में व्यक्तिगत आयकर दरों में कमी करनी चाहिए। साथ ही ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कमी और रोजगार वाले क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने की भी जरूरत है।

उद्योग निकायों के प्रतिनिधियों ने सोमवार को वित्त मंत्री के साथ अपनी परंपरागत बजट-पूर्व बैठक में ये सुझाव दिये।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बजट से पहले पांचवीं परामर्श बैठक के दौरान उद्योग निकायों ने भारत सहित वैश्विक स्तर पर चीन के अतिरिक्त स्टॉक को डंप करने और ‘जलवायु आपातकाल’ के कारण खाद्य सुरक्षा और मुद्रास्फीति के लिए पैदा हो रही चुनौतियों का मुद्दा भी उठाया।

वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा।

वित्त मंत्री के अलावा, बैठक में वित्त सचिव, दीपम (निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग) के सचिव, आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव और भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार भी शामिल हुए।

बैठक के बाद भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष संजीव पुरी ने संवाददाताओं से कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है, लेकिन वैश्विक स्तर पर कई चुनौतियां हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘चीन बहुत सारे उत्पादों को भारत सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में डंप कर रहा है। हमारे सामने जलवायु आपातकाल का मुद्दा भी है, जो अन्य चीजों के अलावा खाद्य सुरक्षा और मुद्रास्फीति को भी प्रभावित करता है। इस बारे में हमने कई सुझाव और विचार दिए हैं।’’

पुरी ने कहा कि उपभोग को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने सुझाव दिया है कि 20 लाख रुपये तक की आय पर सीमांत आयकर दर में कुछ छूट दी जानी चाहिए, ताकि उपभोग को बढ़ावा मिले, अधिक व्यय योग्य आय हो और बदले में राजस्व में भी उछाल आए।

उन्होंने आगे कहा, ‘‘हमने यह भी सुझाव दिया है कि पेट्रोलियम पर उत्पाद शुल्क को थोड़ा कम किया जाना चाहिए। इससे भी अधिक व्यय योग्य आय होगी।’’

बैठक में मौजूद फिक्की के उपाध्यक्ष विजय शंकर ने कहा, ‘‘वित्त मंत्री और उनके सहयोगियों ने आज उद्योग जगत की बात को बहुत धैर्यपूर्वक सुना। विभिन्न उद्योग निकायों से लगभग 13 लोग बैठक में मौजूद थे।’’

पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा, ”हमने सरकार को व्यक्तिगत आयकर में कमी करने का सुझाव दिया, ताकि लोगों के हाथों में अधिक पैसा हो सके। इससे मांग को बढ़ावा मिलेगा और मुद्रास्फीति कम होगी। हमने जीएसटी सरलीकरण के लिए भी कहा है।’’

एसोचैम के अध्यक्ष संजय नायर ने कहा कि एमएसएमई के लिए प्रक्रियाओं को आसान बनाने, ऋण प्रवाह बढ़ाने और टीडीएस जैसी चीजों के युक्तिकरण पर ध्यान देने का सुझाव दिया गया।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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