(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, चार जनवरी (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि शुरुआती प्रतिरोध के बाद प्लाईवुड और एमडीएफ बोर्ड उद्योग अनिवार्य गुणवत्ता नियंत्रण मानदंडों (क्यूसीओ) को लागू करने पर सहमत हो गया है, क्योंकि उन्होंने उच्च गुणवत्ता मानकों का पालन करने के दीर्घकालिक फायदों को पहचान लिया है।
उन्होंने कहा कि भारत आधुनिक मानक लागू कर रहा है, जो दुनिया के अन्य भागों, विशेषकर विकसित देशों में प्रचलित मानकों के साथ सामंजस्य स्थापित करते हैं।
मंत्री ने कहा कि गुणवत्ता पर भारत का निरंतर ध्यान अब देश के भीतर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचाना और सराहा जा रहा है।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और घटिया वस्तुओं के आयात में कटौती करने के लिए प्लाईवुड, एमडीएफ बोर्ड और लकड़ी के अन्य उत्पादों के लिए क्यूसीओ पेश किए थे।
घरेलू उद्योग के विरोध के कारण क्यूसीओ के क्रियान्वयन की अवधि बढ़ा दी गई। ये अनिवार्य मानदंड घरेलू और विदेशी कंपनियों के लिए होंगे।
गोयल ने पीटीआई-भाषा से कहा, “शुरू में उद्योग की ओर से काफी प्रतिरोध किया गया था। हमने उनके साथ कई बैठकें कीं और अब अंतत: उद्योग को स्वयं ही उच्च गुणवत्ता मानकों पर ध्यान देने की महत्ता का एहसास हो गया है, खासकर तब जब वे उस गुणवत्ता का उत्पादन कर रहे हों।”
उन्होंने कहा कि 10-12 दिन पहले देशभर के विनिर्माण क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले पूरे उद्योग ने बैठक की थी और अनुरोध किया था कि इन उत्पादों पर क्यूसीओ लगाया जाना चाहिए।
गोयल ने कहा, “मुझे लगता है कि यह संदेश धीरे-धीरे अधिक से अधिक क्षेत्रों में पहुंच रहा है कि इससे (क्यूसीओ) भारत के विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ने में मदद मिलेगी।”
सरकार भारत में एक मजबूत गुणवत्ता पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य अर्थव्यवस्था को विकास और वृद्धि के उच्च स्तर पर ले जाने के लिए बेहतर और सुरक्षा अनुरूप उत्पादों पर जोर देना है।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय
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