इंडोनेशिया में सीपीओ का दाम टूटने के बीच सभी तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट |

इंडोनेशिया में सीपीओ का दाम टूटने के बीच सभी तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट

इंडोनेशिया में सीपीओ का दाम टूटने के बीच सभी तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट

:   Modified Date:  November 21, 2024 / 09:21 PM IST, Published Date : November 21, 2024/9:21 pm IST

नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा) मलेशिया एक्सचेंज में जोरदार गिरावट के बीच बृहस्पतिवार को देश के प्रमुख बाजारों में सभी तेल-तिलहनों के दाम धराशायी हो गये तथा सरसों, मूंगफली एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल कीमतें पर्याप्त हानि के साथ बंद हुईं।

शिकॉगो और मलेशिया एक्सचेंज में भारी गिरावट का रुख रहा।

सूत्रों ने कहा कि सीपीओ का सबसे अधिक उत्पादन करने वाले देश इंडोनेशिया में सितंबर के महीने में सीपीओ के निर्यात में 30 प्रतिशत की गिरावट देखी गई जबकि वहां सीपीओ का स्टॉक 23 प्रतिशत बढ़ गया। जबकि समाचार माध्यमों पर सीपीओ की कमी होने की बात चर्चा में थी। इस निर्यात घटने और सीपीओ का स्टॉक जमा होने की वजह से मलेशिया एक्सचेंज में सीपीओ के दाम 6-7 प्रतिशत टूट गये। इसमें सोयाबीन तेल से महंगे दाम वाले सीपीओ की मांग के प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है और इसी वजह से विदेशों में सीपीओ के दाम टूटे हैं।

सूत्रों ने मलेशिया और इंडोनेशिया में सट्टेबाजी की गतिविधियों की आशंका जताते हुए कहा कि इस दाम टूटने का जोरदार असर बाकी तेल-तिलहन कीमतों पर भी हुआ और उनके दाम में गिरावट आई। इसके अलावा बाजार में रूस के द्वारा सूरजमुखी तेल के निर्यात शुल्क में वृद्धि किये जाने की चर्चा है। विदेशी बाजारों की इन अनिश्चितता को देखते हुए हमें देश में तेल-तिलहन उत्पादन बढ़ाने की ओर ध्यान देना होगा।

सूत्रों ने कहा कि वायदा कारोबार में बिनौला खल का दाम निरंतर तोड़ा जा रहा है। इस बिनौला खल का दाम टूटने से पंजाब, हरियाणा के किसानों को भारी नुकसान हो रहा है जिनके माल की खरीद पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक दाम पर हो रही थी लेकिन खल का दाम टूटने से उन्हें अब कम दाम मिल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यदि बिनौला खल के दाम वास्तव में टूट ही रहे हैं तो इसका असर दूध के दाम पर भी आना चाहिये और दूध को सस्ता होना चाहिये। पर इस बात को लेकर सभी खाद्य तेलों की महंगाई की चिंता करने वाले सभी तेल समीक्षक व संगठन उदासीन दिखते हैं।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,550-6,600 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,450-6,725 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,950 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,250-2,550 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,700 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,265-2,365 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,265-2,390 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,850 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,850 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 12,600 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,600 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,100 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 13,150 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,450-4,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,150-4,185 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,100 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)