नयी दिल्ली, 11 अक्टूबर (भाषा) करीब दो साल के अंतराल के बाद अगस्त महीने में देश के औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आई है। खनन और बिजली क्षेत्रों का प्रदर्शन खराब होने के साथ विनिर्माण क्षेत्र के लगभग स्थिर रहने से अगस्त में औद्योगिक उत्पादन में 0.1 प्रतिशत की गिरावट आई।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने शुक्रवार को अगस्त, 2024 के लिए औद्योगिक उत्पादन के ये आंकड़े जारी किए। अगस्त, 2023 में औद्योगिक उत्पादन 10.9 प्रतिशत बढ़ा था।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) पर आधारित औद्योगिक उत्पादन वृद्धि को जुलाई के लिए संशोधित कर 4.7 प्रतिशत कर दिया गया है। पहले इसके 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
इस तरह चालू वित्त वर्ष के पहले पांच माह (अप्रैल-अगस्त) में औद्योगिक उत्पादन 4.2 प्रतिशत बढ़ा है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत थी।
आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि अगस्त में खनन, विनिर्माण और बिजली क्षेत्र का प्रदर्शन खराब रहने से कुल औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आई है।
इस दौरान खनन क्षेत्र में 4.3 प्रतिशत और बिजली क्षेत्र में 3.7 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर सिर्फ एक प्रतिशत रही।
एनएसओ ने कहा कि अगस्त में संभवतः भारी बारिश की वजह से खनन क्षेत्र का उत्पादन प्रभावित हुआ।
देश के औद्योगिक उत्पादन आंकड़ों में पिछली गिरावट अक्टूबर, 2022 में देखी गई थी। उस समय आईआईपी में 4.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी।
एनएसओ की तरफ से जारी उपयोग-आधारित वर्गीकरण के अनुसार, पूंजीगत उत्पाद खंड की वृद्धि दर अगस्त, 2024 में घटकर 0.7 प्रतिशत रह गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 13.1 प्रतिशत थी।
गैर-टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन 4.5 प्रतिशत घटा है जबकि अगस्त, 2023 में इसमें 9.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।
टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन की वृद्धि भी समीक्षाधीन महीने में धीमी होकर 5.2 प्रतिशत रह गई जबकि अगस्त, 2023 में यह छह प्रतिशत बढ़ा था।
आंकड़ों के मुताबिक, बुनियादी ढांचे/ निर्माण वस्तुओं में 1.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 15.7 प्रतिशत की दर से बढ़ा था।
प्राथमिक वस्तुओं के उत्पादन में अगस्त में 2.6 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि एक साल पहले इसमें 12.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
मध्यवर्ती वस्तुओं के खंड में अगस्त, 2024 में तीन प्रतिशत की वृद्धि हुई।
रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि अगस्त महीने में आईआईपी का मामूली रूप से घटना सामान्य से अधिक बारिश होने से खनन उत्पादन, बिजली की मांग और खुदरा ग्राहकों की संख्या में अस्थायी कमी को दर्शाता है। इसके अलावा प्रतिकूल आधार प्रभाव की भी इसमें भूमिका रही है।
हालांकि, नायर ने उम्मीद जताई कि त्योहारी मौसम से पहले जीएसटी ई-वे बिलों में वृद्धि तेज होने और अनुकूल आधार प्रभाव की वजह से सितंबर में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर लगभग तीन-पांच प्रतिशत हो जाएगी।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
अजय
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