(बिजय कुमार सिंह)
नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सदस्य आशिमा गोयल ने सोमवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर छह प्रतिशत से अधिक रहेगी क्योंकि देश बड़े वैश्विक झटकों के दौर में भी अपनी व्यापक आर्थिक स्थिरता और प्रदर्शन को मजबूत रखने में कामयाब रहा है।
गोयल ने पीटीआई-भाषा से कहा, “वैश्विक मंदी के कारण भारत की निर्यात वृद्धि कम हो रही है, भू-राजनीति कारणों से कारण तेल और खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ रही हैं, और खराब मौसम परिस्थितियां भी ऐसे कुछ जोखिम हैं, जिनका देश सामना कर रहा है। भारत बड़े वैश्विक झटकों के दौर में भी अपनी व्यापक आर्थिक स्थिरता और प्रदर्शन को मजबूत रखने में कामयाब रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि छह प्रतिशत से ऊपर रहेगी।”
देश की आर्थिक वृद्धि दर 2022-23 में 7.2 प्रतिशत रही थी, जबकि 2021-22 में यह 9.1 प्रतिशत से कम रही थी। केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
यह पूछे जाने पर कि खुदरा मुद्रास्फीति आरबीआई के चार प्रतिशत के लक्ष्य के दायरे में कबतक आएगी, गोयल ने कहा “लंबे समय से कंपनियों की मुद्रास्फीति का अनुमान चार प्रतिशत के आसपास हैं। इसका मतलब है कि लागत के झटकों के बावजूद, उनकी मूल्यवृद्धि चार प्रतिशत से अधिक नहीं है।”
अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 6.83 प्रतिशत पर आ गई है। जुलाई में यह 7.44 प्रतिशत के 15 माह के उच्चस्तर पर थी।
केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के दायरे में रखने का लक्ष्य मिला हुआ है।
भाषा अनुराग अजय
अजय
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)