नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) भारतीय अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष (2025-26) में 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जबकि चालू वित्त वर्ष (2024-25) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंड-रा) ने यह अनुमान लगाया है।
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने बुधवार को कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 और 2023-24 की तरह 2025-26 में भी निवेश भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए वृद्धि का प्रमुख चालक होगा।
भारतीय अर्थव्यवस्था ने पिछली तीन तिमाहियों में चक्रीय वृद्धि में सुस्ती देखी है। इस रुख के अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में पलटने की उम्मीद है।
वित्त वर्ष 2023-24 तक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर कोविड-19 वैश्विक महामारी के दुष्प्रभावों से प्रभावित हुई। यहां तक कि आधार प्रभाव ने भी तिमाही जीडीपी वृद्धि को प्रभावित किया।
वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी वृद्धि मजबूत आधार प्रभाव और मई, 2024 में आम चुनाव से प्रभावित हुई। जुलाई-सितंबर की अवधि में निजी क्षेत्र के निवेश में कमजोरी का वृद्धि दर पर असर दिखा।
रेटिंग एजेंसी का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मौद्रिक, राजकोषीय और बाह्य मोर्चे पर सख्ती का सामना कर रही है। हालांकि, अब मौद्रिक परिस्थितियों में नरमी आने की उम्मीद है, लेकिन राजकोषीय तथा बाह्य स्थिति का प्रभाव 2025-26 में भी जारी रहने की संभावना है।
इंड-रा के मुख्य अर्थशास्त्री एवं सार्वजनिक वित्त प्रमुख देवेंद्र कुमार पंत ने कहा, ‘‘ फिर भी वित्त वर्ष 2025-26 की जीडीपी वृद्धि के भारत की सर्वश्रेष्ठ दशकीय वृद्धि (वित्त वर्ष 2010-11-2019-20) के समान रहने की उम्मीद है।’’
एजेंसी का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025-26 में खुदरा मुद्रास्फीति औसतन 4.4 प्रतिशत रहेगी, जो वित्त वर्ष 2024-25 के 4.9 प्रतिशत के पूर्वानुमान से कम है।
भाषा निहारिका अजय
अजय
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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