नयी दिल्ली, 13 सितंबर (भाषा) भारत की जैव अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और यह 2023 के अंत तक 151 अरब डॉलर के मूल्यांकन तक पहुंच गई।
एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। इसमें कहा गया कि यह उछाल राष्ट्रीय वृद्धि में जैव प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका को बताता है। इस क्षेत्र का देश की जीडीपी में 4.25 प्रतिशत का योगदान है।
भारत शीर्ष पांच वैश्विक जैव अर्थव्यवस्था में शामिल है।
बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (बीआईआरएसी) और एसोसिएशन ऑफ बायोटेक्नोलॉजी लेड एंटरप्राइजेज (एबीएलई) की रिपोर्ट में जैव प्रौद्योगिकी, कृषि नवाचार, स्वास्थ्य सेवा और जैव विनिर्माण में परिवर्तनकारी प्रगति को रेखांकित किया गया है।
इसे वैश्विक ‘बायो-इंडिया समिट 2024’ के एक सत्र के दौरान जारी किया गया।
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की जैव अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 2023 के अंत तक 151 अरब अमेरिकी डॉलर के मूल्यांकन तक पहुंच जाएगी।
जैव प्रौद्योगिकी विभाग में सचिव और बीआईआरएसी के चेयरमैन राजेश एस गोखले ने कहा कि रिपोर्ट में भारत की जैव अर्थव्यवस्था के 2014 में 10 अरब अमेरिकी डॉलर डॉलर से बढ़कर 2023 तक 151 अरब डॉलर तक पहुंचने की बात कही गई है। ऐसा टीकों और जैव दवाओं की बढ़ती मांग के कारण संभव हो पाया है।
भाषा पाण्डेय रमण
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