नयी दिल्ली, 13 जनवरी (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को दुग्ध उत्पादों के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों को ‘असाधारण’ बताते हुए कहा कि पशुधन देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
राष्ट्रपति ने यहां राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की पहल ‘काऊ इंडक्शन’ (गाय के प्रसव प्रबंधन की प्रक्रिया), गिफ्टमिल्क और ओडिशा राज्य सहकारी दूध उत्पादक संघ (ओएमएफईडी) के लिए बाजार समर्थन उपायों का डिजिटल रूप से उद्घाटन/शुभारंभ करने के बाद यह बात कही।
उन्होंने कहा कि भारत में पशुधन नस्लों की एक विविध श्रृंखला है, जिनमें से सभी ने देश की समृद्ध कृषि विरासत में योगदान दिया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि कि पशुधन ग्रामीण अर्थव्यवस्था और ग्रामीण घरेलू आय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मुर्मू ने कहा, ‘‘हमारे पशुधन को समर्थन और बढ़ावा देने के लिए, उनके नस्ल विकास और आनुवंशिक विकास के लिए सरकार ने कई उपाय और नीतिगत प्रयास किए हैं।’’
उन्होंने कहा कि दूध और दुग्ध उत्पादों के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां ‘असाधारण’ हैं।
राष्ट्रपति भवन के आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 10 साल में हमारे दुधारू मवेशियों की उत्पादकता में भी असाधारण वृद्धि हुई है।’’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ये सभी उपलब्धियां पशुपालन में उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। फिर भी, पशु स्वास्थ्य के संबंध में बहुत कुछ किया जा सकता है।’’
उन्होंने कहा कि पशुधन की संख्या और स्वास्थ्य दोनों पर ध्यान देने से दूध सहित खाद्य उत्पादों और जानवरों से प्राप्त उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा।
मुर्मू ने कहा, ‘‘देश के सभी क्षेत्रों में ऐसे प्रयास करके स्वस्थ भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकता है।’’
इस अवसर पर ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि राज्य सरकार ने हाल ही में अगले पांच साल में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री कामधेनु योजना शुरू की है।
उन्होंने कहा कि सरकार इस योजना के तहत डेयरी कंपनियों को 70 प्रतिशत तक वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।
कार्यक्रम से डिजिटल रूप से जुड़े केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि भारत एक वर्ष में 23.93 करोड़ टन दूध का उत्पादन कर दुनिया में दूध उत्पादन में शीर्ष पर है।
कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, ओडिशा के मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास मंत्री गोकुलनंद मल्लिक और वन और पर्यावरण मंत्री गणेश राम सिंगखुंटिया भी शामिल हुए।
भाषा रमण अजय
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