‘टिकाऊ कारोबारी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एआई, रोबोटिक्स को अपना रहे भारतीय विनिर्माता’ |

‘टिकाऊ कारोबारी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एआई, रोबोटिक्स को अपना रहे भारतीय विनिर्माता’

‘टिकाऊ कारोबारी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एआई, रोबोटिक्स को अपना रहे भारतीय विनिर्माता’

:   Modified Date:  October 25, 2024 / 05:18 PM IST, Published Date : October 25, 2024/5:18 pm IST

नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) बड़ी संख्या में भारतीय विनिर्माता टिकाऊ कारोबारी गतिविधियों के साथ ही आय बढ़ाने के लिए कृत्रिम मेधा और रोबोटिक्स जैसी विशिष्ट तकनीकों को अपना रहे हैं। पीडब्ल्यूसी की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट ‘पांचवीं औद्योगिक क्रांति की पहचान: एक मजबूत, टिकाऊ और मानव-केंद्रित भविष्य की ओर बढ़ना’ में छह उद्योगों को शामिल किया गया है।

इसमें पाया गया कि 93 प्रतिशत भारतीय विनिर्माता टिकाऊ गतिविधियों को बढ़ावा देने और राजस्व बढ़ाने के लिए ‘उद्योग 5.0’ को अपना रहे हैं।

पीडब्ल्यूसी इंडिया का शोध मई और जुलाई 2024 के बीच किया गया था और इसमें वाहन, सीमेंट, रसायन, औद्योगिक सामान, धातु तथा कपड़ा और परिधान उद्योगों के विनिर्माण से जुड़े 180 वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की गई।

शोध के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक भारतीय विनिर्माता इस साल टिकाऊ गतिविधियों में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं। इन निवेशों का उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने और ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाना है।

इसके अलावा अग्रणी विनिर्माण कंपनियों के 52 प्रतिशत शीर्ष अधिकारी इस साल दक्षता बढ़ाने पर निवेश कर रहे हैं।

पीडब्ल्यूसी इंडिया में पार्टनर और औद्योगिक उत्पाद प्रमुख सुदीप्त घोष ने कहा कि ‘उद्योग 5.0’ विनिर्माण क्षेत्र में मनुष्यों और कृत्रिम मेधा (एआई), रोबोटिक्स तथा इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) जैसी उन्नत तकनीकों के बीच आपसी संबंध बनाता है।

उन्होंने कहा कि जो कंपनियां इन क्षमताओं को तेजी से अपनाएंगी, वे आने वाले वर्षों में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त हासिल करेंगी।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)