(बिजय कुमार सिंह)
नयी दिल्ली, एक मार्च (भाषा) आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सदस्य आशिमा गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने कई बाहरी झटकों के बावजूद अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन इसकी मजबूती बनाए रखने के लिए प्रति-चक्रीय व्यापक आर्थिक नीतिगत उपायों की जरूरत होगी।
गोयल ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा कि देश में मुद्रास्फीति कम हुई है लेकिन यह अभी भी लक्षित स्तर तक नहीं पहुंच पाई है।
उन्होंने कहा, ‘अर्थव्यवस्था के अच्छे प्रदर्शन में भारत की बढ़ती आर्थिक विविधता और झटके को कम करने में नीति की भूमिका रही। इन दोनों कारकों ने कई बाहरी झटकों के बावजूद भारत को अच्छा प्रदर्शन करने में मदद की।’
रिजर्व बैंक ने घरेलू खपत में सुधार और निजी पूंजीगत व्यय चक्र में तेजी की वजह से अगले वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
जानी-मानी अर्थशास्त्री गोयल ने कहा, ‘भू-राजनीतिक स्थिति के नाजुक होने से प्रति-चक्रीय नीति को अर्थव्यवस्था की स्वाभाविक मजबूती में मदद जारी रखनी होगी।’
उन्होंने कहा कि उच्च वृद्धि और कर उछाल होने से घाटे और ऋण अनुपात को कम करने की गुंजाइश पैदा होती है।
हालांकि उन्होंने राजस्व बढ़ने पर अत्यधिक खर्च करने के लोभ से बचने की सलाह देते हुए कहा कि 2000 के दशक के उच्च वृद्धि दौर में यही गलती की गई थी जिससे एक दशक तक व्यापक आर्थिक कमजोरी बनी रही।
गोयल ने कहा, ‘बुरे दौर में खर्च के लायक बने रहने के लिए अच्छे समय में खर्च को प्रति-चक्रीय बनाना, बफर तैयार करना और गुंजाइश रखना बेहतर है।’
उन्होंने मुद्रास्फीति पर एक सवाल के जवाब में कहा कि स्वीकार्य मुद्रास्फीति और वृद्धि के लिए वास्तविक दरों को आवश्यक स्तरों पर बनाए रखने के लिए दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ब्याज दरों में क्रमिक कटौती करेंगे।
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