नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) भारत चाहता है कि ऑस्ट्रेलिया के साथ प्रस्तावित वृहद आर्थिक सहयोग व्यापार समझौते (सीईसीए) में सेवाओं पर करार को और मजबूत किया जाए, जिससे इस क्षेत्र में निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।
दोनों देशों ने पहले ही दिसंबर, 2022 में वस्तुओं और सेवाओं में एक अंतरिम व्यापार समझौते को लागू कर दिया है और अब सीईसीए के माध्यम से इसका दायरा बढ़ाने के लिए बातचीत चल रही है।
अगले दौर की वार्ता दिसंबर में यहां होने की उम्मीद है।
अधिकारी ने कहा, “भारत की रुचि वाले क्षेत्रों में से एक सेवा क्षेत्र में हमारे समझौते को मजबूत करना है, क्योंकि हमारा सेवा निर्यात अच्छी स्थिति में है। इसलिए हमें लगता है कि जहां भारत वास्तव में अपने निर्यात में सुधार कर सकता है, वहां और अधिक किया जा सकता है, हम उन क्षेत्रों पर विचार कर रहे हैं और यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि और क्या किया जा सकता है।”
अप्रैल-सितंबर, 2024 के दौरान सेवा निर्यात का अनुमानित मूल्य 180 अरब डॉलर है, जबकि अप्रैल-सितंबर 2023 में यह 163.92 अरब डॉलर था। पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में यह 340 अरब डॉलर से अधिक था।
भारत भी सरकारी खरीद में रुचि रखता है, लेकिन देश में सरकारी खरीद के संबंध में कुछ संवेदनशीलताएं हैं।
अधिकारी ने कहा, “इसलिए हमें इसमें एक अच्छा संतुलन बनाना होगा।”
उन्होंने कहा कि भारत सीईसीए और आव्रजन में कारोबारी आवाजाही पर विचार कर रहा है। भारत-ऑस्ट्रेलिया सीईसीए वार्ता का पिछला दौर 19-22 अगस्त को सिडनी में माल, सेवाओं, डिजिटल व्यापार, सरकारी खरीद, उत्पत्ति के नियम और कृषि-प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों पर आयोजित किया गया था।
ऑस्ट्रेलिया, भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आपसी व्यापार 2023-24 में लगभग 24 अरब डॉलर रहा था।
पिछले वित्त वर्ष में ऑस्ट्रेलिया को भारत का निर्यात 7.94 अरब डॉलर था, जबकि आयात 16.15 अरब डॉलर था। वित्त वर्ष 2021-22 से दोनों देशों के बीच व्यापार लगभग 25 अरब डॉलर के आसपास है।
भाषा अनुराग अजय
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