मुंबई, 25 सितंबर (भाषा) भारत में आने वाले पर्यटकों की संख्या कोविड-19 महामारी से पूर्व के स्तर से पीछे है। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया कि इस साल जनवरी से जून के बीच भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या (एफटीए) 47.8 लाख थी, जो 2019 की पहली छमाही का लगभग 90 प्रतिशत है।
क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि, विदेशी मुद्रा आय में वृद्धि से यह संकेत मिलता है कि प्रति व्यक्ति आगमन का खर्च अधिक है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत आने वाले पर्यटकों की संख्या में कोविड-19 महामारी के बाद का सुधार वैश्विक रुझान से पीछे है। कैलेंडर साल 2024 की पहली छमाही में देश में एफटीए 47.8 लाख रहा है, जो कैलेंडर वर्ष 2019 की पहली छमाही का लगभग 90 प्रतिशत है।
रिपोर्ट के अनुसार, इसकी तुलना में वैश्विक स्तर पर, 2024 के पहले सात महीनों में एफटीए 2019 के कोविड-पूर्व स्तर के 96 प्रतिशत पर था। इसका अर्थ है कि भारत इस मामले में पीछे है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश में वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य के कारण वहां से मांग में कमी आई है तथा चीन से सीधी उड़ानों के निलंबन से पर्यटकों की संख्या पर असर पड़ा है।
ये दोनों देश भारत के लिए पर्यटकों के प्रमुख स्रोत थे और 2019 में एफटीए में इनकी हिस्सेदारी 27 प्रतिशत थी।
इस बीच, रिपोर्ट में कहा गया है कि कतर, दुबई, वियतनाम और श्रीलंका जैसे देश अधिक किफायती विकल्पों और अनुकूल वीजा नीतियों के साथ पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ गंतव्य अपने कोविड-पूर्व स्तर को पार कर गए हैं। कतर में पहली छमाही में विदेशी पर्यटकों की संख्या 47 प्रतिशत, दुबई में 11 प्रतिशत, वियतनाम में चार प्रतिशत और श्रीलंका में 0.2 प्रतिशत बढ़ी है।
इसके अलावा, अजरबैजान, जॉर्जिया और कजाकिस्तान जैसे उभरते गंतव्य आक्रामक अभियान चलाकर पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं।
रिपोर्ट से पता चलता है कि जब विदेशी मुद्रा आय (एफईई) की बात आती है तो तस्वीर बेहतर है। विदेशी मुद्रा आमदनी 2019 की पहली छमाही की तुलना में 2024 की समान अवधि में 23 प्रतिशत बढ़ी है।
भाषा अनुराग अजय
अजय
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