(तस्वीर के साथ)
नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि भारत आर्थिक वृद्धि के संदर्भ में बाकी दुनिया से अलग खड़ा है और अगले कुछ वर्षों में भी यह सिलसिला कायम रहेगा।
इसके साथ ही सीतारमण ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के लिए अनुमोदित एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) भारी पेंशन बिलों के साथ भावी पीढ़ियों पर बोझ न डालकर सरकारी कर्मचारियों के साथ करदाताओं के हितों को भी साधती है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम कई अन्य देशों की तुलना में बहुत बेहतर स्थिति में हैं। भले ही वे उन्नत देश हों लेकिन आज वे वृद्धि के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हम एक ऐसी अर्थव्यवस्था के रूप में सामने आ रहे हैं जो पिछले कुछ वर्षों में सबसे तेजी से बढ़ रही है। इस साल और अगले कुछ वर्षों के लिए भी हम ऐसी भविष्यवाणी कर सकते हैं।’’
भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी। चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 6.5-7 प्रतिशत रहने का अनुमान आर्थिक समीक्षा में जताया गया है।
सीतारमण ने एनपीएस वात्सल्य योजना की शुरुआत के मौके पर कहा कि एनपीएस ने अपनी शुरुआत से ही प्रतिस्पर्धी रिटर्न दिया है। सरकारी क्षेत्र के लिए एनपीएस ने औसतन 9.5 प्रतिशत का सालाना रिटर्न दिया है।
सीतारमण ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए घोषित यूपीएस के संबंध में कहा कि इसमें पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के साथ एनपीएस के भी बेहतरीन बिंदुओं को शामिल किया गया है और यह सेवानिवृत्ति के बाद एक सुनिश्चित पेंशन प्रदान करती है।
यूपीएस के तहत सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में प्राप्त उनके औसत मूल वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर गारंटीकृत पेंशन मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘यूपीएस भावी पीढ़ियों पर भारी पेंशन बिलों का बोझ न डालकर सरकारी कर्मचारियों के साथ करदाताओं के हितों को भी संतुलित करती है।’’
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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