नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) भारत ने पिछले दशक में पेट्रोल में जैव ईंधन मिलाकर 1.06 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचाई है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
गौरतलब है कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक और उपभोक्ता देश है।
उन्होंने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) जैव ऊर्जा शिखर सम्मेलन में कहा कि गन्ने और अन्य बायोमास से निकाले गए एथनॉल का पेट्रोल में मिश्रण 2014 के 1.53 प्रतिशत से बढ़कर 15 प्रतिशत हो गया है।
उन्होंने कहा कि इन परिणामों से उत्साहित होकर सरकार ने 2025 के लिए अपने मिश्रण लक्ष्य को आगे बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है।
पुरी ने कहा, ”2014 से अगस्त 2024 तक पेट्रोल में एथनॉल मिलाने से 1,06,072 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है, और कार्बन उत्सर्जन में 544 लाख टन की कमी आई है।”
उन्होंने बताया कि सरकार ने टिकाऊ विमानन ईंधन (एसएएफ) के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं। इसके तहत 2027 में एक प्रतिशत और 2028 में दो प्रतिशत मिश्रण करने का लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि देश अगले दो दशकों में वैश्विक ऊर्जा मांग का 25 प्रतिशत पूरा करेगा और इसमें जैव ऊर्जा महत्वपूर्ण होगी।
भाषा पाण्डेय अजय
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