भारत एआई में वैश्विक नेतृत्व के लिए तैयार; नवाचार और विनियमन के बीच संतुलन जरूरी: वैष्णव |

भारत एआई में वैश्विक नेतृत्व के लिए तैयार; नवाचार और विनियमन के बीच संतुलन जरूरी: वैष्णव

भारत एआई में वैश्विक नेतृत्व के लिए तैयार; नवाचार और विनियमन के बीच संतुलन जरूरी: वैष्णव

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Modified Date: January 23, 2025 / 09:54 PM IST
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Published Date: January 23, 2025 9:54 pm IST

(तस्वीर के साथ)

दावोस, 23 जनवरी (भाषा) केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत कृत्रिम नवाचार के क्षेत्र में ठीक उसी तरह दुनिया का नेतृत्व करने की स्थिति के लिए तैयार है, जैसे उसने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवाओं में अपनी क्षमता साबित की है।

विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक के दौरान यहां पीटीआई-भाषा से बातचीत में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री ने कहा कि नवाचार के साथ संतुलन बनाए रखते हुए कृत्रिम मेधा (एआई) के लिए सभी आवश्यक नियमन लागू किए जाएंगे।

इस बार दावोस में एकीकृत भारत के चेहरे के बारे में वरिष्ठ मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमें स्पष्ट रूप से कहा था कि इस बार दावोस में भारतीय मंडप में सभी राज्यों का एकीकरण होना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “इस बार देश की एकता की छवि के लिए बहुत अच्छा संकेत गया है। पांच-छह अलग-अलग दलों के नेता एक मंच पर साथ आए।”

वैष्णव ने कहा कि दुनियाभर के लोग अब यह समझ रहे हैं कि जब कई अन्य देश कर्ज में डूबे हुए हैं, तब भारत कैसे निरंतर वृद्धि पथ पर बना रह सकता है।

डब्ल्यूईएफ द्वारा चिह्नित वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े खतरों के रूप में उभर रहे गलत सूचना और अविश्वास तथा एआई द्वारा उत्पन्न चुनौतियों पर उन्होंने कहा कि हमें निश्चित रूप से आवश्यक सुरक्षा उपाय करने की आवश्यकता होगी, लेकिन एआई द्वारा पेश अवसर भी बहुत बड़े हैं और उन्हें जिम्मेदारी से भुनाया जाना चाहिए।

वैष्णव ने कहा, “जिस तरह से भारत ने आईटी सेवाओं में अपनी क्षमता साबित की है, उसी तरह का अवसर एआई के मामले में भी मौजूद है। इसके लिए हमें अपने युवाओं को तैयार करने की जरूरत है।”

उन्होंने समझाते हुए कहा, “जैसे हमने दूरसंचार के लिए 100 विश्वविद्यालयों में 5जी प्रयोगशालाएं शुरू कीं और जिस तरह हमने 250 विश्वविद्यालयों को नवीनतम सेमीकंडक्टर डिजायन उपकरणों से सुसज्जित किया, उसी तरह हम अपने युवाओं को एआई क्षेत्र में भारत के लिए नेतृत्व की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए तैयार करने हेतु 200 विश्वविद्यालयों में एआई-तैयार पाठ्यक्रम शुरू कर रहे हैं।”

एआई के लिए नए नियमों के बारे में पूछे जाने पर वैष्णव ने कहा कि विनियमन और नवाचार के बीच संतुलन होना चाहिए ताकि दोनों एक साथ आगे बढ़ सकें।

भाषा अनुराग रमण

रमण

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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