नयी दिल्ली, 13 जनवरी (भाषा) भारत वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हासिल वित्त पोषण के लिहाज से वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर है। हालांकि, 2024 में वित्त पोषण सालाना आधार पर 33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1.9 अरब डॉलर रह गया।
‘मार्केट इंटेलिजेंस’ कंपनी ट्रैक्सन की भारत की वित्तीय प्रौद्योगिकी वार्षिक रिपोर्ट 2024 के अनुसार, मांग में व्यापक मंदी और भू-राजनीतिक प्रतिकूलताओं के कारण इस क्षेत्र में वित्त पोषण में गिरावट देखी गई।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 2024 में वित्त पोषण में काफी गिरावट आई। 2024 में इसने कुल 1.9 अरब अमेरिकी डॉलर जुटाए। यह 2023 में प्राप्त 2.8 अरब डॉलर से 33 प्रतिशत की कमी दर्शाता है। भारतीय वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र 2024 में केवल अमेरिका और ब्रिटेन से पीछे रहा…’’
इस क्षेत्र ने 2022 में 5.6 अरब डॉलर जुटाए थे।
ट्रैक्सन की सह-संस्थापक नेहा सिंह ने कहा, ‘‘ वैश्विक वित्त पोषण में मंदी के बावजूद भारत का वित्तीय प्रौद्योगिकी परिदृश्य मजबूत बना है। चुनौतियों के बीच 2024 में दो नए ‘यूनिकॉर्न’ उभरना तथा रिकॉर्ड आठ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) आईपीओ का आना इस क्षेत्र की फलने-फूलने की क्षमता को रेखांकित करता है।’’
‘यूनिकॉर्न’ से तात्पर्य उन कंपनियों से है जिनका मूल्यांकन एक अरब डॉलर है और वे शेयर बाजार में सूचीबद्ध नहीं हैं।
इस क्षेत्र में 2024 में आठ आईपीओ आए जो 2023 के दो आईपीओ की तुलना में 300 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
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