(मनोज राममोहन)
नयी दिल्ली, 16 सितंबर (भाषा) यूरोपीय विमान विनिर्माता एटीआर के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि भारत एक प्रमुख बाजार है, जहां बहुत संभावनाएं हैं। अधिकारी ने यह भी कहा कि एटीआर के लिए देश से कलपुर्जे लेने के लिए अवसर खुले हैं।
एटीआर, यूरोपीय एयरोनॉटिक्स कंपनियों एयरबस और लियोनार्डो के बीच एक संयुक्त उद्यम है, जो 78 सीटों वाले टर्बोप्रॉप और मालवाहक विमान बनाती है।
इंडिगो और दो क्षेत्रीय एयरलाइन – अलायंस एयर और फ्लाइ91 – एटीआर विमानों का संचालन करती हैं, जिनका उपयोग क्षेत्रीय उड़ान संचालन के लिए किया जाता है।
एटीआर के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी एलेक्सिस विडाल ने हाल ही में पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में बताया कि कंपनी भारत को मुख्य बाजार के रूप में देख रही है और देश में क्षेत्रीय हवाई संपर्क बेहद आशाजनक है।
इस समय, भारत और दुनियाभर में लगभग 70 एटीआर विमान परिचालन में हैं। कंपनी लगभग 1,700 विमानों की आपूर्ति कर चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि आने वाले दशक में भारत में 200 और विमानों की संभावना है… मेरा मानना है कि नीति निर्माण के जरिये इसे भरपूर समर्थन मिलेगा। इससे देश में अतिरिक्त विमान आएंगे।’’
उन्होंने कहा कि एटीआर नवाचार करने और यह समझने के लिए बहुत उत्सुक है कि भारतीय पारिस्थितिकी तंत्र किस तरह की पेशकश कर सकता है।
भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते नागर विमानन बाजारों में शामिल है और घरेलू हवाई यातायात तेजी से बढ़ रहा है।
विडाल ने कहा कि देश में एटीआर विमानों के साथ 300 नये मार्ग के होने की संभावना है।
उन्होंने कहा, ‘‘स्थानीय विनिर्माण के लिए एक भागीदार के रूप में और क्षेत्रीय विमान विनिर्माण के लिए पसंदीदा भागीदार के रूप में जब भी उचित होगा हम भारत से कलपुर्जे लेने की संभावनाओं पर विचार करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि कंपनी मौजूदा और नए ग्राहकों से ऑर्डर मिलने की उम्मीद है।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय
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