नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) ओमान के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) में भारत शराब और सिगरेट जैसे 100 से अधिक उत्पाद श्रेणियों पर सीमा शुल्क रियायत की मांग नहीं कर रहा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
भारत और ओमान के बीच एफटीए पर बातचीत चल रही है।
उन्होंने कहा कि हालांकि एफटीए वार्ताएं संपन्न हो गई हैं, ओमान ने कुछ उत्पादों पर अपने बाजार पहुंच प्रस्तावों में संशोधन की मांग की है।
सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों ने ओमान द्वारा उठाए गए तीन से चार मुद्दों पर चर्चा की है और कोई भी संभावित बदलाव न्यूनतम होगा।
भारत को ओमान में अपनी लगभग 98 प्रतिशत वस्तुओं के लिए बेहतर बाजार पहुंच प्राप्त होने की उम्मीद है, साथ ही सेवा क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण पहुंच प्राप्त होगी।
उन्होंने कहा, “लगभग 125-130 टैरिफ लाइनें (या उत्पाद श्रेणियां) हो सकती हैं, जहां हमने शुल्क रियायत की मांग नहीं की है और इसमें शराब और सिगरेट जैसी वस्तुएं शामिल हैं।”
भारत और ओमान ने समझौते के लिए 14 जनवरी को पांचवें दौर की वार्ता की, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देना है।
समझौते के लिए बातचीत औपचारिक रूप से नवंबर, 2023 में शुरू हुई। बातचीत को आधिकारिक तौर पर व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) कहा जाता है।
ओमान का आयात शुल्क शून्य से 100 प्रतिशत तक है, साथ ही कुछ विशेष शुल्क भी हैं। कुछ विशेष मांस, मदिरा और तम्बाकू उत्पादों पर 100 प्रतिशत शुल्क लागू है।
उद्योग सूत्रों के अनुसार, भारत को पेट्रोकेमिकल उत्पादों पर शुल्क रियायतें नहीं देनी चाहिए, जो ओमान की एक प्रमुख मांग है।
भारतीय पेट्रोकेमिकल उद्योग ने अपनी गंभीर चिंताएं जताई हैं और सरकार से अनुरोध किया है कि वह ओमान की इस मांग को स्वीकार न करे। भारतीय पेट्रोकेमिकल उद्योग में सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी इकाइयां और निजी कंपनियां, दोनों शामिल हैं।
दोनों देशों में द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 12.39 अरब डॉलर से घटकर 2023-24 में 8.94 अरब डॉलर रह गया है। पिछले वित्त वर्ष में भारत का निर्यात 4.42 अरब डॉलर था।
भाषा अनुराग
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)