भारत को 2047 तक विकसत राष्ट बनने के लिए उभरते क्षेत्रों में अगुवा बनने की जरूरत:कांत |

भारत को 2047 तक विकसत राष्ट बनने के लिए उभरते क्षेत्रों में अगुवा बनने की जरूरत:कांत

भारत को 2047 तक विकसत राष्ट बनने के लिए उभरते क्षेत्रों में अगुवा बनने की जरूरत:कांत

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Modified Date: January 10, 2025 / 06:24 PM IST
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Published Date: January 10, 2025 6:24 pm IST

नयी दिल्ली, 10 जनवरी (भाषा) भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने शुक्रवार को कहा कि देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र और 32,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए उभरते क्षेत्रों में दुनिया में अगुवा बनने की जरूरत है।

कांत ने यहां ‘भारत जलवायु फोरम 2025’ को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिका, यूरोप और भारत ने विनिर्माण का हुनर खो दिया है और इसका वैश्विक अर्थव्यवस्था पर काफी प्रभाव पड़ेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा मानना ​​है कि भारत के उभरते क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बने बिना, हम 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएंगे। हम कभी भी 32000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था नहीं बन पाएंगे।’’

कांत ने बताया कि सौर पैनल विनिर्माण में भारतीय उद्योग पांच से सात वर्ष पीछे हैं।

उन्होंने कहा कि भारत का उद्योग लगातार जीवाश्म ईंधन (पेट्रोल, डीजल) वाहनों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, ‘‘ यदि आप इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के विनिर्माता नहीं बनते हैं, तो आप वैश्विक स्तर पर ईवी बाजार पर पकड़ खो देंगे।’’

नीति आयोग के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ने कहा कि यदि भारत अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी की ओर बड़ा क्रांतिकारी बदलाव नहीं करता है, तो वह स्वच्छ प्रौद्योगिकी का एक बड़ा आयातक बना रहेगा।

उन्होंने कहा कि भारत उन कुछे देशों में से एक है, जो जलवायु के मामले में समृद्ध हैं।

कांत ने कहा कि भारत का निजी ऋण सकल घरेल उत्पाद (जीडीपी) में बढ़ना चाहिए, क्योंकि यह अमेरिका, यूरोप और चीन की तुलना में कम है।

उन्होंने लागत-प्रतिस्पर्धी स्वच्छ प्रौद्योगिकी समाधान प्रदान करने को लेकर भी अपने विचार रखे।

भाषा निहारिका रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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