आसियान के साथ एफटीए समीक्षा में भारत रख सकता है शुल्क रियायतों में लचीलेपन की मांग |

आसियान के साथ एफटीए समीक्षा में भारत रख सकता है शुल्क रियायतों में लचीलेपन की मांग

आसियान के साथ एफटीए समीक्षा में भारत रख सकता है शुल्क रियायतों में लचीलेपन की मांग

:   Modified Date:  November 13, 2024 / 04:01 PM IST, Published Date : November 13, 2024/4:01 pm IST

नयी दिल्ली, 13 नवंबर (भाषा) भारत 10 देशों के दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संघ (आसियान) के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की समीक्षा के तहत उन क्षेत्रों में मौजूदा शुल्क रियायतों में लचीला रुख अपनाने की इच्छा जाहिर कर सकता है, जो आयात में उल्लेखनीय वृद्धि से प्रभावित हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

आसियान की आधिकारिक टीम अगले दौर की समीक्षा वार्ता के लिए भारत आ रही है। यह वार्ता 19-22 नवंबर को यहां होगी।

आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौते (एआईटीआईजीए) पर 2009 में हस्ताक्षर किए गए थे।

अधिकारी ने कहा, “हम समझौते में दी गई शुल्क (या सीमा शुल्क) रियायतों में कुछ लचीलेपन की इच्छा जता सकते हैं। कुछ रियायतें वापस ली जा सकती हैं और कहीं और दी जा सकती हैं क्योंकि कुछ क्षेत्रों में हमें लगता है कि हमारे घरेलू उद्योग को बहुत नुकसान हो रहा है। कुछ क्षेत्रों में हमें घरेलू नुकसान हुआ है। हम इसे न्यूनतम संभव तरीके से करना चाहेंगे।”

घरेलू इस्पात उद्योग ने चीन जैसे देशों से आयात में उल्लेखनीय वृद्धि और आसियान के साथ एफटीए के दुरुपयोग पर बार-बार चिंता जताई है।

भारत समझौते की समयसारणी में लचीलेपन की भी मांग कर सकता है।

उन्होंने कहा, “हम इस दौर की वार्ता के दौरान पर्याप्त प्रगति की उम्मीद कर रहे हैं। हमारी कुछ अपेक्षाएं हैं।”

वार्ता का तीसरा दौर इंडोनेशिया के जकार्ता में आयोजित किया गया था। समझौते की समीक्षा से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों पर वार्ता करने के लिए भारत-आसियान मुक्त व्यापार समझौता संयुक्त समिति के तहत आठ उप-समितियां गठित की गई हैं।

तीसरे दौर की वार्ता के दौरान बाजार पहुंच, उत्पत्ति के नियम, मानक, तकनीकी विनियमन, सीमा शुल्क प्रक्रियाओं और व्यापार सुविधा से संबंधित सभी समितियों ने ठोस चर्चा की।

आसियान भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापार साझेदार है, जिसकी भारत के वैश्विक व्यापार में लगभग 11 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वित्त वर्ष 2023-24 में आसियान को भारत का निर्यात 41.2 अरब डॉलर था, जबकि आयात 80 अरब डॉलर था।

दोनों पक्ष 2025 में समीक्षा पूरी करने का लक्ष्य बना रहे हैं।

आसियान के सदस्यों में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमा, फिलिपीन, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम शामिल हैं।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सितंबर में 10 देशों के समूह आसियान के साथ मौजूदा एफटीए से प्रभावित अपने घरेलू उद्योगों की चिंताओं को दूर करने का आह्वान किया था, क्योंकि दोनों क्षेत्र समझौते की समीक्षा के लिए बातचीत कर रहे हैं।

गोयल ने समझौते के तहत असमान शुल्क उदारीकरण को सुधारने की आवश्यकता पर भी बल दिया है।

भाषा अनुराग अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)