भारतीय उद्योग जगत से चार लाख करोड़ रुपये की ऋण मांग: एसबीआई चेयरमैन |

भारतीय उद्योग जगत से चार लाख करोड़ रुपये की ऋण मांग: एसबीआई चेयरमैन

भारतीय उद्योग जगत से चार लाख करोड़ रुपये की ऋण मांग: एसबीआई चेयरमैन

:   Modified Date:  September 24, 2024 / 05:14 PM IST, Published Date : September 24, 2024/5:14 pm IST

नयी दिल्ली, 24 सितंबर (भाषा) भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन चल्‍ला श्रीनिवासुलु शेट्टी ने कहा है कि बैंक को भारतीय उद्योग जगत से चार लाख करोड़ रुपये के कर्ज की मांग मिल चुकी है।

उन्होंने चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही में निजी क्षेत्र द्वारा पूंजीगत व्यय में तेजी आने की उम्मीद भी जतायी।

शेट्टी ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘ हम निजी पूंजीगत व्यय में अच्छी रुचि देख रहे हैं। बुनियादी ढांचे के लिए वित्तपोषण… मुख्य रूप से सड़कों, नवीकरणीय ऊर्जा और कुछ रिफाइनरियों से आ रहा है।’’

सार्वजनिक व्यय की बात करें तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में 2024-25 के लिए पूंजीगत व्यय लक्ष्य को 11.1 प्रतिशत बढ़ाकर रिकॉर्ड 11.11 लाख करोड़ रुपये कर दिया था। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.4 प्रतिशत है।

शेट्टी ने कहा कि कुछ कंपनियों ने पुरानी परियोजनाओं (ब्राउनफील्ड) का विस्तार शुरू किया है, जिसके लिए पूंजीगत व्यय का वित्तपोषण उनके अपने नकदी स्रोतों से किया गया है।

हालांकि, उन्होंने कहा, ‘‘ अब हम देखते हैं कि कुछ कंपनियां पुरानी परियोजनाओं के विस्तार के लिए भी सावधि ऋण ले रही हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे पास मांग (पाइपलाइन) है, स्वीकृत लेकिन वितरित नहीं किए गए कर्ज के संदर्भ में तथा प्रस्तावों की मांग है जो प्रक्रियाधीन हैं। यह करीब चार लाख करोड़ रुपये के बराबर है, जो दर्शाता है कि उद्योग जगत की मांग मजबूत है।’’

शेट्टी ने इस बात पर जोर दिया कि इस वर्ष निजी पूंजीगत व्यय निश्चित रूप से बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि आम चुनाव के कारण पहली तिमाही में आई सुस्ती के बाद सरकारी व्यय में फिर से वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम देखते हैं कि दूसरी तिमाही के साथ-साथ चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में भी पूंजीगत व्यय को सरकारी व्यय के साथ-साथ निजी व्यय से बढ़ावा मिलेगा।’’

एसबीआई की अपनी कुछ अनुषंगी कंपनियों में हिस्सेदारी के मौद्रीकरण के बारे में शेट्टी ने कहा कि फिलहाल किसी भी अनुषंगी कंपनी में हिस्सेदारी बेचने के बारे में कोई विचार नहीं किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ यदि इन अनुषंगी कंपनियों को (वृद्धि) पूंजी की आवश्यकता होगी तो हम निश्चित रूप से इसपर गौर करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि इस समय किसी भी बड़ी अनुषंगी कंपनी को अपना परिचालन बढ़ाने के लिए मूल कंपनी से पूंजी की आवश्यकता नहीं है।

बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 में एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड में 489.67 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी डाली थी।

कंपनी ने कर्मचारियों को ईएसओपी भी आवंटित किया है और इसके चलते बैंक की हिस्सेदारी 69.95 प्रतिशत से मामूली रूप से घटकर 69.11 प्रतिशत हो गई है।

शेट्टी ने साथ ही कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति पर अनिश्चितता को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 2024 में नीति दर में कमी लाने की संभावना नहीं है।

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने चार वर्ष से अधिक समय बाद अपनी नीतिगत ब्याज दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती की है। इस कदम ने अन्य अर्थव्यवस्थाओं के केंद्रीय बैंकों को भी ऐसा ही करने के लिए प्रेरित किया।

भाषा निहारिका अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)