नयी दिल्ली, 20 मार्च (भाषा) सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के निकाय नैसकॉम के अध्यक्ष राजेश नांबियार ने बृहस्पतिवार को वैश्विक प्रतिभा केंद्र के रूप में देश की ताकत का जिक्र करते हुए कहा कि वैश्विक प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी में भारत एक पसंदीदा भागीदार के रूप में नजर आता है।
नांबियार ने यहां नैसकॉम के वैश्विक सम्मेलन-2025 को संबोधित करते हुए कहा कि आज के दौर में प्रौद्योगिकी पहले के मुकाबले कहीं अधिक शिद्दत से अर्थव्यवस्थाओं को आकार दे रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज, दुनिया पहले से कहीं ज्यादा बदलाव के मुहाने पर है। कुछ प्रौद्योगिकियां वास्तव में देश में जो आर्थिक मॉडल हम देख रहे हैं, उस पर बहुत अधिक प्रभाव डाल रही हैं।’’
नांबियार ने कहा कि दुनिया इस समय एक प्रौद्योगिकी बदलाव का अनुभव कर रही है, जिसने इस नए परिदृश्य की चुनौतियों और अवसरों को पूरा करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले प्रतिभा आधार की बढ़ती मांग पैदा की है।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कोई उद्योग या देश नहीं है जो प्रौद्योगिकी की अग्रणी भूमिका के बिना बढ़ रहा हो। ये सभी हमेशा कुछ हद तक प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत जैसा देश वैश्विक प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र के लिए पसंदीदा भागीदार बना हुआ है।’’
उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग का वित्त वर्ष 2024-5 में लगभग 283 अरब डॉलर के मूल्यांकन रहने का अनुमान है और अगले वित्त वर्ष में इसके 300 अरब डॉलर को भी पार करने की उम्मीद है।
नैसकॉम अध्यक्ष ने कहा कि नवाचार एवं स्टार्टअप पारिस्थितिकी के अलावा वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) की तेजी से बढ़ती संख्या भी इसमें अहम भूमिका निभाएगी।
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