नयी दिल्ली, 11 सितंबर (भाषा) नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बुधवार को कहा कि दुनिया भर में हरित परियोजनाओं में निवेश के लिए अगले सप्ताह भारत-जर्मनी मंच का उद्घाटन किया जाएगा।
जोशी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगले सप्ताह होने वाले ‘ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट एंड एक्सपो 2024’ में इस मंच की शुरुआत की जाएगी। हालांकि उन्होंने मंच के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी।
यह मंच वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के लिहाज से महत्वपूर्ण है। भारत पहले ही देश में 200 गीगावाट से अधिक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ चुका है।
जोशी ने कहा कि वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का ने लक्ष्य हासिल करने के लिए भारत को 30 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि ‘ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट एंड एक्सपो’ में जर्मनी, डेनमार्क, ऑस्ट्रेलिया और नॉर्वे भागीदार देश के तौर पर शामिल हो रहे हैं।
जोशी ने कहा, ‘हमें ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, जर्मनी, नॉर्वे, सिंगापुर, हांगकांग, अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, यूरोपीय संघ, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और कई अन्य देशों से प्रतिनिधिमंडलों के आने की उम्मीद है।’
उन्होंने कहा कि इन प्रतिनिधिमंडलों में नीति निर्माता, उद्योग, वित्तीय संस्थान आदि शामिल होंगे। वहीं जर्मनी और डेनमार्क के प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व उनके मंत्री करेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16 सितंबर को इस आयोजन का उद्घाटन करेंगे। समापन सत्र की अध्यक्षता उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे।
राजस्थान, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, नागालैंड, तेलंगाना, दिल्ली और अरुणाचल प्रदेश जैसे कई राज्य इसमें शिरकत कर रहे हैं। सम्मेलन में कई राज्यों के मुख्यमंत्री और मंत्री शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि पहली बार यह कार्यक्रम दिल्ली के बाहर आयोजित किया जा रहा है और 28 गीगावाट से अधिक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वाले राज्य गुजरात से बेहतर कोई विकल्प नहीं हो सकता है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण
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