भारत ने मालदीव को 40 करोड़ डॉलर की सहायता दी, ढांचागत परियोजनाओं में बढ़ाएंगे सहयोग |

भारत ने मालदीव को 40 करोड़ डॉलर की सहायता दी, ढांचागत परियोजनाओं में बढ़ाएंगे सहयोग

भारत ने मालदीव को 40 करोड़ डॉलर की सहायता दी, ढांचागत परियोजनाओं में बढ़ाएंगे सहयोग

:   Modified Date:  October 7, 2024 / 07:59 PM IST, Published Date : October 7, 2024/7:59 pm IST

नयी दिल्ली, सात अक्टूबर (भाषा) भारत और मालदीव ने रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने के मकसद से सोमवार को 40 करोड़ डॉलर की मुद्रा अदला-बदली को लेकर समझौता किया। साथ ही बंदरगाह, सड़क नेटवर्क, स्कूल और आवास परियोजनाओं के निर्माण के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति जतायी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव में रूपे कार्ड भी जारी किया। इसके अलावा हनीमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नये रनवे का उद्घाटन किया और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर सहमति जतायी।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास आई थी।

पांच दिन के राजकीय दौरे पर आए मुइज्जू ने यहां हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत की।

मालदीव के राष्ट्रपति को चीन के प्रति नरम रुख रखने के लिए जाना जाता है और पिछले साल नवंबर में शीर्ष पद के लिए चुने जाने के बाद उन्होंने अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए तुर्किये को चुना था।

दोनों पक्ष ‘व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के लिए एक दृष्टिकोण’ पर भी सहमत हुए। यह एक दस्तावेज है जो सहयोग के विभिन्न पहलुओं को शामिल करता है।

बातचीत के बाद, भारत ने मालदीव को 70 सामाजिक आवास भी सौंपे। इसका निर्माण एक्जिम बैंक (भारतीय निर्यात-आयात बैक) की खरीदार कर्ज सुविधा के तहत किया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘कुछ समय पहले हमने मालदीव में रूपे कार्ड पेश किया। आने वाले समय में हम भारत और मालदीव को यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) से जोड़ने की दिशा में काम करेंगे।’’

प्रधानमंत्री ने मालदीव को 40 करोड़ डॉलर की सहायता की भी घोषणा की। दोनों पक्षों ने 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की मुद्रा अदली-बदली के समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस कदम से मालदीव को वित्तीय चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।

दोनों नेताओं ने स्वीकार किया कि यह द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा भागीदारी में बदलने को लेकर सहयोग की एक नई रूपरेखा तैयार करने का उपयुक्त समय है। यह जन-केंद्रित, भविष्य-उन्मुख है और हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता बनाये रखने में एक आधार के रूप में काम करेगा।

मोदी ने यहां मुइज्जू के साथ संवाददाताओं से कहा, ‘‘ आज, हमने पुनर्विकसित हनीमाधू हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। अब ग्रेटर माले संपर्क परियोजना में भी तेजी लाई जाएगी। हम थिलाफुशी में एक नये वाणिज्यिक बंदरगाह के विकास में सहायता करेंगे।’’

दोनों नेता मालदीव के इहावंधिपपोलु और गाधू द्वीपों पर मालदीव आर्थिक गेटवे परियोजना में योगदान देने वाली ‘ट्रांसशिपमेंट’ सुविधाओं और बंकरिंग सेवाओं के विकास के लिए सहयोग की संभावना तलाशने को लेकर भी सहमत हुए।

दोनों पक्ष हनीमाधू और गान हवाई अड्डों की पूरी क्षमता का पूर्ण उपयोग करने के लिए संयुक्त रूप से काम करने पर भी सहमत हुए। इनका विकास भारत की सहायता से किया जा रहा है।

इसके अलावा, दोनों देश ‘कृषि आर्थिक क्षेत्र’ की स्थापना, हा धालू एटोल और मछली प्रसंस्करण में पर्यटन निवेश को लेकर भी सहमत हुए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और मालदीव ने आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने का फैसला किया है।

उन्होंने मालदीव को एक ‘घनिष्ठ मित्र’ बताया जिसका भारत की पड़ोस नीति और सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और वृद्धि) दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण स्थान है।

मोदी ने कहा, ‘‘भारत ने हमेशा एक पड़ोसी देश की जिम्मेदारियों को निभाया है। आज, हमने अपने आपसी सहयोग को रणनीतिक दिशा देने के लिए एक व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी का दृष्टिकोण अपनाया है।’’

इससे पहले, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मुइज्जू का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी मौजूद थे।

भाषा रमण अजय

अजय

 

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