भारत-ईएफटीए समझौता 2025 खत्म होने से पहले लागू होने की उम्मीदः गोयल |

भारत-ईएफटीए समझौता 2025 खत्म होने से पहले लागू होने की उम्मीदः गोयल

भारत-ईएफटीए समझौता 2025 खत्म होने से पहले लागू होने की उम्मीदः गोयल

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Modified Date: January 2, 2025 / 04:18 PM IST
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Published Date: January 2, 2025 4:18 pm IST

नयी दिल्ली, दो जनवरी (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और चार यूरोपीय देशों के समूह ईएफटीए के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के साल का अंत होने से पहले लागू होने की उम्मीद है।

दोनों पक्षों ने 10 मार्च, 2024 को व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते (टीईपीए) पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते में भारत को समूह से 15 साल में 100 अरब डॉलर की निवेश प्रतिबद्धता मिली है जबकि स्विस घड़ियों, चॉकलेट और कटे एवं पॉलिश हीरे जैसे कई उत्पादों को कम या शून्य शुल्क पर अनुमति दी गई है।

यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के सदस्यों में आइसलैंड, लीशटेंस्टाइन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं।

गोयल ने इस समझौते के इस साल लागू होने की संभावना के बारे में पूछे गए पीटीआई-भाषा के एक सवाल पर कहा, ‘‘हां, ईएफटीए बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है।’’

उन्होंने कहा कि स्विट्जरलैंड की काउंसिल ऑफ स्टेट्स ने इस समझौते को मंजूरी दे दी है और अब इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रीय परिषद के पास भेजा जाएगा। ईएफटीए समूह के देशों को किसी व्यापार समझौते को अपनी-अपनी संसद से अनुमोदन लेना जरूरी होता है।

उन्होंने कहा, ‘‘समझौते को स्विट्जरलैंड के राजनीतिक हलकों में भारी समर्थन मिलना वास्तव में आने वाले समय का संकेत है। यह दर्शाता है कि एक महत्वपूर्ण बाधा पार हो गई है और उन्हें कैलेंडर वर्ष 2025 का अंत होने से पहले इस साल की शरद ऋतु तक इसे लागू करने की उम्मीद है।’’

अन्य देशों के साथ एफटीए वार्ता की प्रगति पर गोयल ने कहा कि उन्होंने ब्रिटेन के साथ प्रस्तावित समझौते पर वहां के नए व्यापार मंत्री के साथ बैठकें की हैं। इस महीने के अंत में प्रस्तावित एफटीए पर अगले दौर की वार्ता होने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ एफटीए पर भी यूरोपीय व्यापार आयुक्त के साथ चर्चा हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘हम वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए अगले कुछ महीनों में जल्द ही फिर से मिलने पर सहमत हुए हैं।’’

इसके साथ ही गोयल ने कहा कि भारत इन समझौतों में अपने राष्ट्रीय हितों से कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘जब तक समझौता न्यायसंगत, निष्पक्ष और संतुलित नहीं होगा, भारत किसी भी तर्कहीन शर्तों पर सहमत नहीं होगा।’’

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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