नयी दिल्ली, 10 सितंबर (भाषा) रेटिंग एजेंसी फिच ने मंगलवार को कहा कि भारत उच्च सार्वजनिक पूंजीगत व्यय और गठबंधन सरकार की मांगों पर ध्यान केंद्रित करने के बावजूद मध्यम अवधि में बजट घाटे को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
फिच रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अपने बजट घाटे के लक्ष्यों को हासिल किया है या उनसे बेहतर प्रदर्शन किया है। इस वजह से भारत की राजकोषीय विश्वसनीयता बेहतर हुई है।
फिच ने कहा कि भारत वित्त वर्ष 2024-25 में अपने राजकोषीय घाटे को नीचे लाने के लिए रिजर्व बैंक से मिले लाभांश का उपयोग कर रहा है। यह दर्शाता है कि देश अतिरिक्त खर्च के बजाय राजकोषीय मजबूती को प्राथमिकता देता है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि भारत सरकार मध्यम अवधि में बजट घाटे को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसा गठबंधन में शामिल पक्षों की तरफ से रखी जाने वाली मांगों और उच्च सार्वजनिक पूंजीगत व्यय के जरिये आर्थिक वृद्धि तेज करने की सरकारी कोशिशों के बावजूद है।’’
जुलाई में पेश किए गए 2024-25 के पूर्ण बजट में सरकार ने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को घटाकर 4.9 प्रतिशत कर दिया, जबकि फरवरी के अंतरिम बजट में इसके 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल ने मई में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपये का लाभांश स्वीकृत किया था।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
अजय
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)