नयी दिल्ली, 27 नवंबर (भाषा) जापान के सॉफ्टबैंक समूह के चेयरमैन और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मासायोशी सोन का मानना है कि भू-राजनीतिक कारणों से चिप डिजाइन के क्षेत्र में भारत एक बड़े देश के रूप में उभर सकता है। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि उन्होंने भारत में अपनी पोर्टफोलियो कंपनियों के संस्थापकों से 10 साल के परिप्रेक्ष्य में कृत्रिम मेधा (एआई) पर काम करने के लिए कहा है।
अपनी दो दिन की भारत यात्रा के दौरान सोन ने पहले दिन मुंबई में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी से तथा दूसरे दिन राष्ट्रीय राजधानी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।
अरबपति सीईओ ने अपनी यात्रा के दूसरे दिन सॉफ्टबैंक की पोर्टफोलियो कंपनियों के संस्थापकों से मुलाकात की। इनमें पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा, मीशो के सीईओ विदित आत्रे, ओयो के सीईओ रितेश अग्रवाल, ओला कंज्यूमर और ओला इलेक्ट्रिक के सीईओ भाविश अग्रवाल, फ्लिपकार्ट के सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति और अनएकेडमी के सीईओ गौरव मुंजाल समेत अन्य शामिल थे।
सूत्र ने कहा, “संस्थापकों के साथ बैठक के दौरान सोन ने कहा कि भारत की इंजीनियरिंग प्रतिभा दुनिया में सबसे बड़ी है। उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक कारणों से भारत चिप डिजाइन में एक बड़ा खिलाड़ी हो सकता है। सॉफ्टबैंक ने पिछले 10 साल में 15 अरब डॉलर का निवेश किया है और भारत में सॉफ्टबैंक का निवेश इससे अधिक हो सकता है।”
सॉफ्टबैंक समूह के संस्थापक ने कहा कि चिप डिजायनिंग एआई अर्थव्यवस्था की धड़कन होगी।
संस्थापकों के साथ चर्चा के दौरान सोन ने एआई के इर्द-गिर्द कारोबार के विकास पर जोर दिया।
सोन ने कहा कि एआई का वैश्विक स्तर पर पूंजीगत व्यय नौ-10 हजार अरब डॉलर होगा और संस्थापकों को एआई को 10 साल के नजरिये से देखने की जरूरत है।
सोन ने कहा कि दो-तीन साल की एआई योजना बनाने से असफलता ही मिलेगी।
सॉफ्टबैंक ने पिछले कुछ वर्षों में फ्लिपकार्ट, ओला, पेटीएम, डेल्हीवरी, फर्स्टक्राई और स्विगी जैसी कई बड़ी भारतीय कंपनियों में निवेश किया है।
भाषा अनुराग अजय
अजय
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