भारत बायोटेक का 'कोवैक्सीन' 81 प्रतिशत प्रभावी, तीसरे चरण के परीक्षण के आए परिणाम | India Biotech's Corona Vaccine 81 Percent Effective, Results of Third Phase Test

भारत बायोटेक का ‘कोवैक्सीन’ 81 प्रतिशत प्रभावी, तीसरे चरण के परीक्षण के आए परिणाम

भारत बायोटेक का 'कोवैक्सीन' 81 प्रतिशत प्रभावी, तीसरे चरण के परीक्षण के आए परिणाम

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 08:40 PM IST
,
Published Date: March 3, 2021 3:49 pm IST

नई दिल्ली, 3 मार्च (भाषा) भारत बायोटेक का स्वदेशी कोरोना टीका परीक्षण में 81 प्रतिशत प्रभावी पाया गया है। इसके बाद इसके इस्तेमाल को लेकर संभावनायें और बेहतर हो गई हैं। इससे पहले कंपनी के टीके के परीक्षण के अंतिम परिणाम आने से पहले ही इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी दिये जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। कंपनी के टीके के अग्रिम चिकित्सीय परीक्षण के आंकड़े अब आ गए हैं।

पढ़ें- ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश श्रीवास्तव की मिली लाश, मंत्रालय से 1 मार्च से थे लापता

हैदराबाद की इस कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसके तीसरे चरण के परीक्षण में 25,800 व्यक्ति शामिल हुए। भारत में इस तरह का यह अब तक का सबसे बड़ा परीक्षण है। इसे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सहयोग से पूरा किया गया। भारत बायोटेक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक कृष्णा एल्ला ने कहा, ‘‘ कोवैक्सिन ने उच्च चिकित्सीय प्रभाविता दिखाई है’’ साथ ही इसने तेजी से उभरते कोरोना के नये रूपों के खिलाफ भी बेहतर रोधक क्षमता दिखाई है। एक अन्य वीडियो संबोधन में उन्होंने कहा, ‘‘कई लोगों ने हमारी आलोचना की।’’

पढ़ें- वित्तीय प्रबंधन के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर छत्त…

कंपनी के टीके के परीक्षण के अंतिम परिणाम आने से पहले ही इसके इस्तेमाल को लेकर कुछ स्वास्थ्य कर्मियों ने भी आशंका जताई थी। बहरहाल, उसका टीका ‘कोवैक्सिन’ शुरुआत अनुमान से बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रहा है। कंपनी ने शुरू में इसके 60 प्रतिशत तक प्रभावी होने का अनुमान जताया था। देश के दवा नियामक ने जनवरी में कोवैक्सिन के साथ-साथ एस्ट्राजेनेका के टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी है। लेकिन चिकित्सीय परीक्षण के अंतिम आंकड़े उपलब्ध नहीं होने के कारण कोवैक्सिन का इस्तेमाल कम हो रहा था। पिछले सप्ताह तक देश में एक करोड़ लोगों को टीका लगाया जा चुका है जिसमें से करीब 11 प्रतिशत ही कोवैक्सिन का इस्तेमाल किया गया।

पढ़ें- छत्तीसगढ़ विधानसभा में कोरोना ने दी दस्तक, दो विधाय…

लेकिन अब अंतिम परिणाम सामने आने के बाद भारत बायोटेक के दावे को मजबूती मिली है। इसके बाद इस पूरी तरह स्वदेशी टीके के सुरक्षित होने और विदेशों में इसकी बिक्री बढ़ने की संभावनायें बढ़ गई हैं। हैदराबाद की इस कंपनी ने कहा है कि पहले ही 40 से अधिक देशों ने उसके टीके में रुचि दिखा दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कोरोना वैक्सिन का टीका लगवाकर टीकाकरण के दूसरे चरण की शुरुआत की हे। प्रधानमंत्री ने कोवैक्सिन का ही टीका लगवाया है। कोविड- 19 से बचाव के लिये कोवैक्सिन टीके को भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ मिलकर देश में ही विकसित किया है। उसके टीके का 25,800 लोगों पर परीक्षण किया गया जो कि भारत में अब तक सबसे अधिक लोगों पर किया गया है। तीसरे चरण के परीक्षण में 18 से लेकर 98 वर्ष के लोगों को शामिल किया गया। इसमें 2,433 भागीदार 60 वर्ष से अधिक आयु के थे जबकि 4,500 ऐसे लोग शामिल हैं जिन्हें दूसरी बीमारियां थीं।

पढ़ें- सुरक्षा बलों की कार्रवाई में आठ प्रदर्शनकारियों की …

भारत बायोटेक ने कहा कि उसके पहले अंतरिम विश्लेषण के परिणाम 43 मामलों पर आधारित हैं जिसमें टीके को 80.6 प्रतिशत प्रभावी पाया गया। एल्ला ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस के खिलाफ हमारी लड़ाई और विज्ञान के लिये टीके की खोज में आज का दिन महत्वपूर्ण पड़ाव है जिसे हासिल किया गया। तीसरे चरण के चिकित्सीय परीक्षण के आज के परिणाम से हमने अब अपने कोविड- 19 टीके के पहले, दूसरे और तीसरी परीक्षणा के आंकड़े रिपोर्ट कर दिये हैं जिसमें 27,000 भागीदार शामिल रहे।’’

पढ़ें- नीति आयोग के टॉप 5 आकांक्षी जिलों में छत्तीसगढ़ के 2…

सीरम इंस्टिट्यूट द्वारा तैयार टीका कोविशील्ड ने दो टीकों की खुराक के बाद 70 प्रतिशत प्रभावी होने का परिणाम दिखाया है। जबकि भारत बायोटेक के कावैक्सिन टीके ने तीसरे चरण के परीक्षण के बाद 80 प्रतिशत प्रभावी होने की जानकारी दी है। कंपनी परीक्षण के और आंकड़े उपलब्ध होने के साथ ही साझा करेगी। देश में इन दिनों कौवक्सिन के साथ साथ आक्सफोर्ड- एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड टीके को लोगों को लगाया जा रहा है। करीब डेढ़ करोड़ लोगों को ये टीके लगाये जा चुके हैं।

 

 

 
Flowers