वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत एक आकर्षक स्थलः प्रधानमंत्री मोदी |

वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत एक आकर्षक स्थलः प्रधानमंत्री मोदी

वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत एक आकर्षक स्थलः प्रधानमंत्री मोदी

:   Modified Date:  October 4, 2024 / 08:06 PM IST, Published Date : October 4, 2024/8:06 pm IST

नयी दिल्ली, चार अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत को एक आकर्षक स्थल बताते हुए शुक्रवार को कहा कि देश उच्च आर्थिक वृद्धि का अपना सफर जारी रखने के लिए व्यापक स्तर पर बदलावों से गुजर रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने यहां ‘कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन’ के तीसरे संस्करण को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनने में मदद करने के लिए संरचनात्मक सुधारों को जारी रखने को प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि नौकरियों का सृजन, कौशल विकास, टिकाऊ वृद्धि और लगातार तेज गति से विस्तार पर उनके तीसरे कार्यकाल विशेष जोर है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आज एक वैश्विक आपात स्थिति के बीच हम यहां ‘भारतीय युग’ के बारे में चर्चा कर रहे हैं। यह दर्शाता है कि दुनिया भारत पर किस तरह भरोसा करती है। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती और पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।’

उन्होंने कहा कि वित्त-प्रौद्योगिकी अपनाने की दर के मामले में भारत शीर्ष राष्ट्र के रूप में खड़ा है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत दोपहिया वाहनों और ट्रैक्टरों का सबसे बड़ा विनिर्माता है और इस समय मोबाइल फोन का दूसरा सबसे बड़ा विनिर्माता भी है।

उन्होंने ‘सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन’ को अपनी सरकार का मार्गदर्शक मंत्र बताते हुए कहा, ‘जब लोगों के जीवन में बदलाव आता है, तो वे अपने देश में विश्वास करना शुरू कर देते हैं। फिर वही उनके जनादेश के माध्यम से परिलक्षित होता है। 140 करोड़ भारतीयों का विश्वास हमारी ताकत है। हम भारत की बेहतरी के लिए और अधिक संरचनात्मक सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’

उन्होंने कहा कि ‘समावेशी भावना’ भारत की विकास गाथा का एक और उल्लेखनीय कारक है, उन्होंने कहा कि वृद्धि के साथ समावेश भी है। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकल पाए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने बैंक व्यवस्था को मजबूत किया है, जीएसटी लागू किया है, ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता लेकर आई है, निजी निवेश के लिए खनन और रक्षा क्षेत्र को खोला है, विदेशी निवेश नियमों को अधिक उदार बनाया है और अनुपालन बोझ को भी कम किया है।

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)