Senior citizens income tax may be reduced: नई दिल्ली। बजट की तारीख बहुत नजदीक आ चुकी है। जुलाई माह के आखिरी तक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2024-25 का पूर्ण बजट पेश कर सकती हैं। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार के बजट में वित्त मंत्री कई ऐसे प्रावधान पेश कर सकती हैं, जो इकोनॉमी में डिमांड को बढ़ाने का काम करें। इसमें टैक्स के बोझ को कम करना शामिल है। ऐसे में वो कौन से 4 तरीके हो सकते हैं, जो देश के सीनियर सिटीजंस की आबादी पर टैक्स बर्डन को कम कर सकते हैं।
भारत के टोटल टैक्सपेयर्स की संख्या में अच्छा खासा नंबर सीनियर सिटीजंस का भी है। इसकी वजह उनका अलग-अलग सोर्स से कमाई करना है। हालांकि जैसे-जैसे कॉस्ट ऑफ लिविंग बढ़ रही है, सीनियर सिटीजंस के लिए इनकम टैक्स घटाए जाने की वकालत भी हो रही है।
वहीं जानकारों का मानना है कि भारत सरकार कई तरह से सीनियर सिटीजंस के इनकम टैक्स का बोझ घटा सकती है। इनमें से 4 के बारे में नीचे बताया गया है।
— सरकार सीनियर सिटीजंस को मेडिक्लेम के लेवल पर एक्स्ट्रा बेनेफिट दे सकती है। कोविड की चुनौतियों के बाद हालातों को देखते हुए सरकार मेडिक्लेम के 1 लाख रुपए तक के प्रीमियम को 80(D) के तहत टैक्स फ्री कर सकती है। ईटी की एक खबर के मुताबिक अभी ये लिमिट 50,000 रुपए है। अगर ये लिमिट बढ़ती है तो सीनियर सिटीजंस ज्यादा राशि का मेडिक्लेम भी ले सकते हैं।
— सरकार एक और काम ये कर सकती है कि अभी जो 75 साल से अधिक आयु वाले सीनियर सिटीजंस इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से जो छूट मिलती है, उसे घटाकर 60 साल या 65 साल कर दे। हालांकि इसे वह सर्शत कर सकती है कि इस आयु में भी सीनियर सिटीजंस कहीं काम ना कर रहे हों, सिर्फ पेंशन या ब्याज ही उनकी मुख्य इनकम हो।
— 80(C) के तहत सरकार टैक्स में कई तरह की छूट देती है। इसमें ELSS या FD का 5 साल का लॉक-इन पीरियड होता है। सरकार चाहे तो सीनियर सिटीजंस के लिए इस लॉक-इन पीरियड की व्यवस्था को थोड़ा तर्क संगत बना सकती है।
— नांगिया एंडरसन इंडिया के नीरज अग्रवाल का मानना है कि सरकार टैक्स में राहत देने के लिए सीनियर सिटीजंस को कैपिटल गेन टैक्स से छूट दे सकती है। क्योंकि रिटायरमेंट के बाद उनकी इनकम मुख्य तौर पर अकाउंट्स, फिक्स्ड डिपॉजिट, बॉन्ड्स में निवेश पर रिटर्न और डिविडेंड्स पर ही निर्भर करती है।
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