नई दिल्ली। Income Tax Department: साल 2024 के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से टैक्स को लेकर किए गए ऐलानों से भले ही टैक्सपेयर्स के हाथ निराशा लगी हो, लेकिन आयकर रिटर्न दाखिल करने में उन्होंने कोई कोताही नहीं बरती। वहीं इस साल जुलाई 31 की समयसीमा तक 7.28 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न्स (ITR) दाखिल किए गए, जो पिछले साल के 6.77 करोड़ रिटर्न्स की तुलना में अधिक है। जिसकी जानकारी आयकर विभाग ने शुक्रवार को दी है।
आयकर विभाग के बयान के अनुसार, “आयकर वर्ष 2024-25 के लिए दाखिल कुल 7.28 करोड़ आईटीआर में से 5.27 करोड़ रिटर्न्स नए टैक्स सिस्टम में दाखिल किए गए, जबकि पुराने टैक्स सिस्टम में 2.01 करोड़ आईटीआर दाखिल हुए।” यह दर्शाता है कि लोग नए टैक्स सिस्टम की ओर अधिक झुकाव दिखा रहे हैं।
बता दें कि 31 जुलाई 2024 को, जो कि वेतनभोगी करदाताओं और अन्य गैर-टैक्स ऑडिट मामलों के लिए अंतिम तिथि थी, उस दिन आईटीआर दाखिल करने में चरम देखा गया। इस दिन अकेले 69.92 लाख आईटीआर दाखिल किए गए। यह एक दिन में दर्ज की गई सबसे अधिक संख्या है, जो इस बात का संकेत है कि करदाताओं ने समयसीमा का पूरा उपयोग किया है।
नए करदाताओं की संख्या में वृद्धि
बताया गया कि इस साल 58.57 लाख नए करदाताओं ने पहली बार आईटीआर दाखिल किया है। यह आंकड़ा इस बात का संकेत है कि कर आधार का विस्तार हो रहा है और अधिक लोग आयकर दायरे में आ रहे हैं। आयकर विभाग ने यह भी कहा कि आईटीआर दाखिल करने में इस वर्ष की वृद्धि दर्शाती है कि लोग कर भुगतान के प्रति अधिक जागरूक हो रहे हैं और समय पर अपने कर दायित्वों को पूरा कर रहे हैं।
Income Tax Department: वहीं इस नए रिकॉर्ड के साथ, आयकर विभाग ने उम्मीद जताई है कि आने वाले वर्षों में भी करदाताओं की संख्या में वृद्धि होती रहेगी और लोग नए टैक्स सिस्टम को अपनाते रहेंगे। आयकर रिटर्न्स की बढ़ती संख्या देश की आर्थिक सेहत के लिए एक सकारात्मक संकेत है।