नई दिल्ली। Income tax can now be filled ITR: अगर इनकम टैक्सेबल है तो इनकम टैक्स भरना काफी जरूरी हो जाता है। ऐसे में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इनकम टैक्स जमा करने वालों को राहत दी है। दरअसल, आयकर विभाग ने कर अधिकारियों के लिए कर बकाया के खिलाफ रिफंड के समायोजन पर फैसला लेने का समय घटा दिया है। यह एक ऐसा कदम है जो मुकदमेबाजी से बचने में मदद करेगा। अब मूल्यांकन अधिकारियों को उपलब्ध कराई गई 30 दिनों की समय सीमा को घटाकर 21 दिन कर दिया गया है।
Income tax can now be filled ITR: आयकर विभाग ने बकाया कर के मुकाबले रिफंड को एडजस्ट करने के बारे में टैक्सपेयर्स को राहत दी है। कर अधिकारियों को इस तरह के मामलों में अब 21 दिन में फैसला करना होगा। इस फैसले से मुकदमेबाजी में कमी होगी। आयकर निदेशालय (सिस्टम) का कहना है कि मूल्यांकन अधिकारियों को फैसला करने के लिए दी गई 30 दिन की समयसीमा को घटा दिया गया है। वहीं अब इसे 21 दिन कर दिया गया है।
एक बयान में कहा गया है,‘‘यदि टैक्सपैयर्स एडजस्टमेंट के लिए सहमत नहीं है या आंशिक रूप से सहमत है तो मामले को Centralised Processing Centre (CPC) के जरिए तुरंत मूल्यांकन अधिकारी को भेजा जाएगा, जो 21 दिन के भीतर सीपीसी को अपनी राय देंगे कि एडजेस्टमेंट किया जा सकता है या नहीं।’’
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Income tax can now be filled ITR: एएमआरजी एंड एसोसिएट के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन का कहना है कि रिफंड के एडजस्टमेंट से जुड़े कई मामलों में CPC ने पाया है कि मांग का गलत वर्गीकरण या मूल्यांकन अधिकारी की प्रतिक्रिया न मिलने के चलते रिफंड का गलत एडजस्टमेंट हुआ। ऐसे में अनावश्यक मुकदमेबाजी हुई। उन्होंने कहा कि नए निर्देश के बाद टैक्सपैयर्स की शिकायतों का जवाब 21 दिन में देना होगा।