(मनोज राममोहन, शाह इमरान अहमद)
नयी दिल्ली/मुंबई, 23 दिसंबर (भाषा) तेजी से बढ़ते भारतीय विमानन क्षेत्र में वर्ष 2025 के दौरान बड़े-बड़े विलय, बढ़ते बेड़े, उड़ानों और हवाई अड्डों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
हालांकि, आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं के काले बादल लंबे समय तक बने रहेंगे।
इसके अलावा नयी एयरलाइनों की शुरुआत, पायलटों की थकान से निपटने के लिए संशोधित मानदंडों पर आगे की स्थिति और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के प्रयासों पर नजर बनी रहेगी।
वर्ष 2024 में एक तरफ दो एयरलाइनें बंद हो गईं और एक एयरलाइन दिवाला प्रक्रिया के रास्ते पर है, दूसरी तरफ विमानों के ऑर्डर बढ़ गए और एक दिन में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या कम से कम दो बार रिकॉर्ड पांच लाख से अधिक हो गई। हवाई किराए में उतार-चढ़ाव ने चिंता बढ़ा दी। इस साल 14 नवंबर तक एयरलाइनों 999 बार बम होने की झूठी खबर का सामना भी करना पड़ा।
विमानन क्षेत्र में कुछ प्रशिक्षक विमानों की दुर्घटनाएं और दिल्ली हवाई अड्डे के टर्मिनल-1 पर छत गिरने जैसी दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई।
मार्च 2025 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में घरेलू हवाई यातायात 16.4-17 करोड़ तक बढ़ने का अनुमान है। उद्योग का ध्यान अब चौड़े आकार वाले विमानों को बढ़ाने, अधिक संख्या में सीधे विदेशी उड़ान संपर्क स्थापित करने और देश को वैश्विक विमानन केंद्र बनाने पर होगा।
आकासा एयर के प्रमुख विनय दुबे के शब्दों में, भारतीय विमानन बाजार के लिए संभावनाएं असाधारण हैं, और आईएटीए प्रमुख विली वॉल्श का मानना है कि भारतीय एयरलाइनों के लिए बहुत बड़ा अवसर है।
भारतीय एयरलाइंस का बेड़ा 800 से अधिक विमानों का है, जिसमें 60 से अधिक चौड़े आकार के विमान शामिल हैं, और 157 हवाई अड्डे हैं।
एयर इंडिया ने 12 नवंबर को एक ऐतिहासिक घटनाक्रम में सिंगापुर एयरलाइंस के आंशिक स्वामित्व वाली विस्तारा का विलय पूरा किया।
टाटा समूह ने एयर इंडिया के उड़ान रिटर्न कार्यक्रम का नाम बदलकर ‘महाराजा क्लब’ करने का फैसला किया है। अपने विस्तार के क्रम में एयर इंडिया ने नौ दिसंबर को 100 और एयरबस विमान खरीदने का ऑर्डर देने की घोषणा की। इसमें 10 चौड़े आकार के ए350 और 90 संकरे आकार के ए320 विमान शामिल हैं।
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इस साल 18 साल की हो गई है और उसने चुनिंदा उड़ानों में ‘बिजनेस क्लास’ सीटें भी शुरू की हैं। एयरलाइंस को अगले साल अपना पहला ए321 एक्सएलआर लेने की उम्मीद है। उसने मई में 30 चौड़े आकार के ए350-900 विमानों के लिए एक ऑर्डर दिया।
हालांकि, आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान विमानों की आपूर्ति को प्रभावित कर रहा है। इसके अलावा, बोइंग और इंजन की समस्याओं ने एयरलाइनों के लिए संकट को और बढ़ा दिया है।
एयर इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ कैंपबेल विल्सन ने 28 नवंबर को कहा कि एयरलाइन 2025 में घरेलू और कम दूरी के अंतरराष्ट्रीय परिचालन से अधिकांश हवाई यातायात वृद्धि देखेगी।
उच्चतम न्यायालय ने सात नवंबर को जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया।
एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, पांच दिसंबर को संसद ने 90 साल पुराने विमान अधिनियम की जगह भारतीय वायुयान व्यवसायी 2024 पारित किया, जिसका उद्देश्य विमानन क्षेत्र में कारोबार को और आसान बनाना और भारत में विमानों के विनिर्माण को प्रोत्साहित करना है।
भाषा पाण्डेय
पाण्डेय
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