कम आपूर्ति के बीच आयातित पामोलीन तेल के दाम में सुधार |

कम आपूर्ति के बीच आयातित पामोलीन तेल के दाम में सुधार

कम आपूर्ति के बीच आयातित पामोलीन तेल के दाम में सुधार

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Modified Date: October 5, 2024 / 10:45 PM IST
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Published Date: October 5, 2024 10:45 pm IST

नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर (भाषा) आयात के कम आर्डर रहने की वजह से कम आपूर्ति की स्थिति के बीच शनिवार को देश के थोक तेल-तिलहन बाजार में पामोलीन तेल कीमतों में मजबूती दर्ज हुई। सहकारी संस्था नेफेड की बिकवाली के बीच आपूर्ति बढ़ने से सरसों तेल-तिलहन में गिरावट देखी गई जबकि बाकी खाद्यतेल- तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।

बाजार सूत्रों ने कहा कि हाजिर बाजार में माल की कमी के बीच कच्चा पामतेल (सीपीओ) का भाव जस का तस बना हुआ है। इसके भाव अधिक हैं और इस वजह से इसके आयात के आर्डर में गिरावट देखी गई जिससे खाद्यतेलों की आपूर्ति का संतुलन बिगड़ गया। लेकिन सीपीओ की कमी और त्योहारों की मांग देखते हुए जो आयात के आर्डर की लदान सितंबर के अंतिम दिनों या अक्टूबर के आरंभ में हुआ है, वह माल 15 अक्टूबर के बाद देश में पहुंचेगा। सीपीओ की इस कमी के बीच उसका प्रसंस्करण कर बनाये जाने वाले पामोलीन तेल का दाम मजबूत बंद हुआ।

उन्होंने कहा कि बिनौला तेल में सुधार का कारण किसानों द्वारा बाजार में कम माल लाना है।

सूत्रों ने कहा कि नेफेड, निरंतर सरसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक दाम पर सरसों की बिकवाली कर रहा है। आयातित खाद्यतेलों के आयात शुल्क में वृद्धि किये जाने के बाद बाजार में सरसों की आपूर्ति की स्थिति में सुधार देखा जा रहा है। इस शुल्क वृद्धि के कारण सरसों तेल उद्योग, कई सालों के बाद राहत की सांस ले रहा है और लगभग सारी तेल मिलें अच्छी तरह से चल रही हैं। किसानों को भी सरसों के अच्छे दाम मिल रहे हैं।

सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे। सोयाबीन के डी-आयल्ड केक (डीओसी) की मांग कमजोर है। सोयाबीन किसानों की निराशा को दूर करने का प्रयास करते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से उनकी सारी सोयाबीन फसल खरीदने का वायदा किया है। लेकिन इसका असर अभी बाजार में देखा जाना बाकी है। इस बीच सोयाबीन तेल-तिलहन, ऊंचे दाम पर कम कारोबार के बीच मूंगफली तेल-तिलहन और कच्चा पामतेल (सीपीओ) के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,750-6,800 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,300-6,575 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,850 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,250-2,550 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,075 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,190-2,290 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,190-2,305 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,800 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 12,500 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,850 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,900 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,900 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,685-4,735 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,450-4,695 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,225 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अनुराग

अनुराग

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)