नयी दिल्ली, 18 जनवरी (भाषा) पहले इस्तेमाल किए जा चुके चिकित्सा उपकरणों के देश में अनियमित प्रवाह को रोकने के लिए शीर्ष औषधि नियामक सीडीएससीओ ने सीमा शुल्क विभाग को सूचित किया है कि नवीनीकृत चिकित्सा उपकरणों के आयात की अनुमति नहीं है।
सीमा शुल्क के प्रधान आयुक्त को लिखे पत्र में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने कहा है कि सभी चिकित्सा उपकरणों को चिकित्सा उपकरण नियम, 2017 के तहत विनियमित किया जाता है।
सीडीएससीओ ने कहा, “हालांकि, उक्त नियमों के तहत नवीनीकृत चिकित्सा उपकरणों के विनियमन के लिए कोई विशिष्ट प्रावधान नहीं है। इसलिए, ऐसे उपकरणों के आयात के लिए कोई लाइसेंस जारी नहीं किया जाता है और इन्हें बिक्री तथा वितरण के लिए चिकित्सा उपकरण नियमों के तहत आयात नहीं किया जा सकता है।”
चिकित्सा उपकरणों के निर्माताओं ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि यह निर्णायक स्पष्टीकरण रोगी सुरक्षा के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने के लिए डिज़ायन किए गए नियामकीय ढांचे को मजबूत करता है।
पीएचडीसीसीआई में चिकित्सा उपकरण समिति के पूर्व चेयरपर्सन डॉ. सुधीर श्रीवास्तव ने कहा कि सीडीएससीओ का यह निर्णय चिकित्सा प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
श्रीवास्तव ने कहा, “देश में नवीनीकृत चिकित्सा उपकरणों को अनुमति देने से स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता खतरे में पड़ जाती, स्थानीय नवाचार हतोत्साहित होता और ‘मेक इन इंडिया’ पहल की भावना कमजोर होती।”
इनवॉल्यूशन हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक गौरव अग्रवाल ने कहा कि सीडीएससीओ का निर्णायक स्पष्टीकरण नियामक ढांचे को मजबूत करता है, जो रोगी सुरक्षा के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने के लिए डिज़ायन किया गया है। इसके साथ ही स्वदेशी विनिर्माण की वृद्धि के लिए एक मजबूत माहौल भी तैयार करता है।
भाषा अनुराग प्रेम
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)