नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) आईडीबीआई बैंक में निवेश की मंशा जताने वाले बोलीदाताओं को गृह मंत्रालय से जरूरी सुरक्षा मंजूरी मिल गई है और इस बारे में जल्द ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से भी मंजूरी मिलने की उम्मीद है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी के साथ मिलकर आईडीबीआई बैंक में करीब 61 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचने की तैयारी में है। इस दौरान केंद्र सरकार की 30.48 प्रतिशत और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की 30.24 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचा जाएगा।
जनवरी, 2023 में निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने कहा था कि उसे आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी की खरीद के लिए कई रुचि पत्र (ईओआई) मिले हैं।
ईओआई के माध्यम से निवेश की मंशा जताने वाले बोलीदाताओं को दो तरह की मंजूरी लेनी होगी। उन्हें गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से ‘उपयुक्त और उचित’ मानदंडों को पूरा करने की मंजूरी लेनी होगी।
आरबीआई करीब डेढ़ साल से अधिक समय से संभावित निवेशकों की तरफ से रखे गए विवरणों की जांच कर रहा है। इसकी वजह से आईडीबीआई बैंक का निजीकरण तय समयसीमा से आगे बढ़ गया है।
सरकारी अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘संभावित बोलीदाताओं के लिए सुरक्षा मंजूरी पहले ही आ चुकी है। आरबीआई से भी जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।’’
अधिकारी ने कहा कि जरूरी मंजूरी मिलने के बाद निवेशकों को डेटा रूम तक पहुंच मिलेगी और पड़ताल की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
सरकार और एलआईसी के पास आईडीबीआई बैंक में संयुक्त रूप से कुल 94.72 प्रतिशत हिस्सेदारी है। लेकिन हिस्सेदारी की रणनीतिक बिक्री के बाद यह घटकर 34 प्रतिशत रह जाएगी।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश एवं परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण से 50,000 करोड़ रुपये जुटाने का बजटीय लक्ष्य रखा है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
अजय
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