करनाल, 27 नवंबर (भाषा) आईसीएआर-राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) ने वर्गीज कुरियन की 103वीं जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया। कुरियन को ‘भारत में श्वेत क्रांति के जनक’ के रूप में भी जाना जाता है।
मंगलवार को कुरियन की जयंती के अवसर पर यहां एनडीआरआई में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित आईसीएआर, नई दिल्ली के शासी निकाय के सदस्य कंवल सिंह चौहान विशिष्ट अतिथि थे और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के निदेशक मंडल के सदस्य जी एस राजोरहिया मुख्य अतिथि थे।
आईसीएआर-एनडीआरआई के निदेशक और कुलपति धीर सिंह ने जलवायु परिवर्तन, आपूर्ति श्रृंखला दक्षता और डेयरी उत्पादों में मूल्य संवर्धन जैसी चुनौतियों का समाधान करने के लिए शोधकर्ताओं, किसानों और उद्योग अंशधारकों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
सिंह ने डेयरी क्षेत्र के सतत विकास को सुनिश्चित करते हुए अनुसंधान, शिक्षा और पहुंच में उत्कृष्टता के लिए एनडीआरआई की प्रतिबद्धता दोहराई।
कंवल सिंह चौहान ने सहकारी मॉडल के माध्यम से ग्रामीण किसानों को सशक्त बनाने में कुरियन के महत्वपूर्ण योगदान का उल्लेख किया।
उन्होंने डेयरी क्षेत्र में वैज्ञानिक नवाचार और व्यावहारिक कार्यान्वयन के बीच की खाई को पाटने में आईसीएआर-एनडीआरआई जैसे अनुसंधान संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
राजोरिया ने भारत के डेयरी उद्योग के विकास और खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर अंतर्दृष्टि साझा की।
भाषा राजेश राजेश अजय
अजय
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