हिंदुस्तान जिंक के ओएफएस को संस्थागत निवेशकों से 3,400 करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं |

हिंदुस्तान जिंक के ओएफएस को संस्थागत निवेशकों से 3,400 करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं

हिंदुस्तान जिंक के ओएफएस को संस्थागत निवेशकों से 3,400 करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं

:   Modified Date:  November 6, 2024 / 08:23 PM IST, Published Date : November 6, 2024/8:23 pm IST

नयी दिल्ली, छह नवंबर (भाषा) संस्थागत निवेशकों के लिए सरकार की हिंदुस्तान जिंक लि. (एचजेडएल) के 4.75 करोड़ से अधिक शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) को बुधवार को 1.4 गुना अभिदान मिला। संस्थागत खरीदारों ने करीब 3,400 करोड़ रुपये की बोलियां लगायीं।

दो दिन के ओएफएस के पहले दिन 6.69 करोड़ से अधिक शेयरों के लिए बोलियां आईं, जो संस्थागत खरीदारों के लिए पेशकश किए गए कुल 4.75 करोड़ शेयरों का 1.41 गुना है।

खुदरा निवेशकों के लिए यह निर्गम बृहस्पतिवार को खुलेगा।

निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, “हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) में बिक्री पेशकश को आज गैर-खुदरा निवेशकों से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली। सरकार ने ‘ग्रीन शू’ विकल्प का प्रयोग करने का निर्णय लिया है।”

सरकार के पास हिन्दुस्तान जिंक में 29.54 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सरकार वेदांता समूह की इस कंपनी में सबसे बड़ी अल्पांश शेयरधारक है।

बिक्री पेशकश के जरिये सरकार एचजेडएल में 5.28 करोड़ से अधिक शेयर या 1.25 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है। इसमें इतनी ही राशि का अतिरिक्त अभिदान बनाए रखने के लिए ‘ग्रीनशू’ विकल्प भी शामिल है।

संस्थागत निवेशकों ने बुधवार दोपहर साढ़े तीन बजे तक 505.51 रुपये प्रति शेयर के सांकेतिक मूल्य पर एचजेडएल के 6.69 करोड़ से अधिक शेयरों के लिए बोलियां लगाईं, जबकि उनके लिए 4.75 करोड़ से अधिक शेयर आरक्षित थे।

प्रस्तावित 2.5 प्रतिशत हिस्सेदारी को पूर्ण अभिदान मिलने पर एचजेडएल की हिस्सेदारी बिक्री से सरकारी खजाने को 5,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि मिलेगी।

बीएसई पर एचजेडएल का शेयर 8.28 प्रतिशत के नुकसान से 513.15 रुपये पर बंद हुआ।

एचजेडएल की हिस्सेदारी बिक्री से मिलने वाली राशि सरकार के विनिवेश कोष में जुड़ जाएगी। चालू वित्त वर्ष (2024-25) में अभी तक सरकार ने केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) में अल्पांश हिस्सेदारी बेचकर 5,176 करोड़ रुपये जुटाए हैं।

भाषा अनुराग अजय

अजय

 

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