नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) क्षमता विस्तार में महत्वपूर्ण निवेश के बावजूद अगले वित्त वर्ष (2025-26) तक शुद्ध ऋण मुक्त हो जाएगी। एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
ब्रोकरेज फर्म वेंचुरा सिक्योरिटीज के अनुसार, जस्ता और सीसा की वैश्विक मांग छह/सात प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर से बढ़ने की उम्मीद है… घरेलू स्तर पर, भारत जस्ता का शुद्ध निर्यातक है, जबकि सीसा की आपूर्ति में कमी है। ये दोनों ही परिस्थितियां एचजेडएल के लिए अनुकूल हैं।
इसमें कहा गया, “अगले वित्त वर्ष तक एचजेडएल के शुद्ध ऋण-मुक्त हो जाने की उम्मीद है।”
देश में जस्ता, सीसा और चांदी की सबसे बड़ी उत्पादक कंपनी एचजेडएल ने पहले कहा था कि उसे मार्च के अंत तक अपना कर्ज घटाकर लगभग 2,000 करोड़ रुपये करने की उम्मीद है, जो सितंबर तिमाही के अंत में लगभग 6,000 करोड़ रुपये था।
निवेश की मांग के लिए चांदी तेजी से लोकप्रिय हो रही है और औद्योगिक अनुप्रयोगों में इसका उपयोग बढ़ रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ती मांग को देखते हुए चांदी उत्पादन क्षमता में समय पर विस्तार अच्छा संकेत है।
हिन्दुस्तान जिंक ने वित्त वर्ष 2024-27 के लिए 16,000 करोड़ रुपये के क्षमता विस्तार की योजना बनाई है, जिसमें पूंजीगत व्यय भी शामिल है। इसका उद्देश्य राजस्थान के देबारी में रोस्टर संयंत्र, चंदेरिया में फ्यूमर और उर्वरक संयंत्र (सल्फ्यूरिक एसिड फॉरवर्ड इंटीग्रेशन) तथा 450 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का वित्तपोषण करना है।
भाषा अनुराग
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)