बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश), एक नवंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश मात्स्यिकी विभाग ने शुक्रवार को राज्य में 600 किलोमीटर में फैली प्रमुख नदियों और उनकी सहायक नदियों में ट्राउट मछली पकड़ने पर चार महीने तक प्रतिबंध लगा दिया है।
मात्स्यिकी विभाग के निदेशक विवेक चंदेल ने यहां जारी एक बयान में कहा, ‘‘हिमाचल प्रदेश के ठंडे पानी वाले क्षेत्रों में ट्राउट मछली के प्रजनन को बढ़ावा देने और इस प्राकृतिक संसाधन के संरक्षण के लिए एक नवंबर, 2024 से 28 फरवरी, 2025 तक ट्राउट मछली पकड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया गया है।’’
बयान में कहा गया है कि इनमें शिमला जिले की पब्बर नदी, कुल्लू जिले की ब्यास, सरवरी, पार्वती, गड़सा और सैंज नदियां, मंडी और कांगड़ा जिलों की उहल नदी और चंबा जिले का भांडल नाला शामिल हैं।
चंदेल ने कहा कि जलाशयों में प्राकृतिक बीज संग्रह की अनुमति देते हुए उनके प्राकृतिक प्रजनन के मौसम के दौरान ट्राउट मछली के संरक्षण के लिए प्रतिबंध आवश्यक है। उन्होंने कहा कि चार महीने का यह प्रतिबंध हिमाचल प्रदेश के मत्स्य संसाधनों के दीर्घकालिक संरक्षण को सुनिश्चित करेगा और राज्य में ट्राउट मछली के उत्पादन को बढ़ावा देगा।
उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान मत्स्य विभाग ने ट्राउट जल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष व्यवस्था की है। इन जल क्षेत्रों में गश्त करने के लिए एक समर्पित निगरानी बल तैनात किया गया है और इन ठंडे क्षेत्रों में काम करने वाले विभागीय कर्मचारियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले साल विभाग के आठ ट्राउट फार्मों ने 15.57 लाख ट्राउट बीज का उत्पादन किया था।
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