आर्थिक समीक्षा 2024-25 की मुख्य बातें |

आर्थिक समीक्षा 2024-25 की मुख्य बातें

आर्थिक समीक्षा 2024-25 की मुख्य बातें

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Modified Date: January 31, 2025 / 03:22 PM IST
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Published Date: January 31, 2025 3:22 pm IST

नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) संसद में शुक्रवार को पेश की गई आर्थिक समीक्षा 2024-25 के मुख्य बिंदु …

– भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025-26 में 6.3-6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 में इसके 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान। – भारत की आर्थिक बुनियाद मजबूत है, इसे संतुलित राजकोषीय सशक्तीकरण और स्थिर उपभोग का समर्थन प्राप्त है। – वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीतिक, विवेकपूर्ण नीति प्रबंधन और घरेलू बुनियादी सिद्धांतों को सुदृढ़ करने की आवश्यकता होगी। – वैश्विक राजनीतिक, आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण मुद्रास्फीति का जोखिम बना हुआ है। – उच्च सार्वजनिक पूंजीगत व्यय और बेहतर होती कारोबारी अपेक्षाओं से निवेश गतिविधि में तेजी आने की उम्मीद। – भारत को जमीनी स्तर पर संरचनात्मक सुधारों के माध्यम से अपनी वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करने की जरूरत है। – विदेशी मुद्रा भंडार 640.3 अरब डॉलर पर, जो 10.9 महीने के आयात और 90 प्रतिशत बाह्य ऋण को कवर करने के लिए पर्याप्त है। – कारोबारी सुगमता (ईओडीबी) 2.0 राज्य सरकार की अगुवाई वाली पहल होनी चाहिए, जो व्यवसाय करने में असुविधा की मूल समस्या को दूर करने पर केंद्रित हो। – भारत को निर्यात बढ़ाने और निवेश आकर्षित करने के लिए अपने प्रयासों को दोगुना करना चाहिए। ऐसा करने का एक तरीका यह है कि हम अपना पैमाना अपने अतीत के बजाय बाकी दुनिया के हिसाब से बनाएं। – भारत को उच्च वृद्धि के लिए अगले दो दशक में बुनियादी ढांचे में निवेश को निरंतर बढ़ाने की जरूरत है। – गुजरात, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे कुछ ही राज्य अपने लोगों के लिए उचित स्तर की आय उत्पन्न करने के लिए औद्योगिक क्षेत्र पर अपनी उच्च निर्भरता का लाभ उठाने में सक्षम हैं। – सेवा-उन्मुख भारतीय अर्थव्यवस्था स्वचालन के प्रति संवेदनशील है, भारत के आकार और अपेक्षाकृत कम प्रति व्यक्ति आय को देखते हुए कृत्रिम मेधा (एआई) का प्रभाव अधिक है। – कॉरपोरेट क्षेत्र को उच्च स्तर की सामाजिक जिम्मेदारी दिखानी होगी। – जलवायु-प्रतिरोधी फसल किस्मों को विकसित करने, उपज बढ़ाने और फसल क्षति को कम करने के लिए दलहन, तिलहन, टमाटर, प्याज उत्पादन बढ़ाने के लिए शोध की जरूरत है। – भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लिए लगभग एक या दो दशक तक औसतन आठ प्रतिशत की दर से वृद्धि करनी होगी। – अपेक्षित वृद्धि हासिल करने के लिए निवेश को 31 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत करने की जरूरत है। – सुधारों और आर्थिक नीति का ध्यान अब व्यवस्थित विनियमन पर होना चाहिए। – विनिर्माण क्षेत्र को और विकसित करने तथा एआई, रोबोटिक्स और जैव प्रौद्योगिकी जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में निवेश करने की जरूरत है। भाषा अनुराग प्रेमप्रेमअनुराग

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)