नई दिल्लीः Action on OLA Electric ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ की गई शिकायतों को लेकर अब केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। भारी उद्योग मंत्रालय ने ऑटोमोबाइल रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानी एआरएआई को शिकायतों की जांच करने का निर्देश दिया है। इससे पहले सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी ने कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था और कंपनी को 18 अक्टूबर तक अपना जवाब देने के लिए कहा गया था। ऐसे में अब ओला इलेक्ट्रिक की मुश्किलें बढ़ सकती है।
Action on OLA Electric दरअसल, पिछले एक साल में नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर ओला को लेकर 10 हजार से ज्यादा शिकायतें मिली है। इनमें डिलीवरी को लेकर 1900 शिकायतें शामिल है। इसके अलावा 1500 शिकायतें कंपनी की सर्विस को लेकर है। इन शिकायतों ने कंपनी की उत्पादन खामियों, सेकंड-हैंड स्कूटर की बिक्री, रद्द की गई बुकिंग के लिए रिफंड की कमी, सर्विसिंग के बाद लगातार समस्याओं, ओवरचार्जिंग, बिलिंग में गड़बड़ी और बैटरी संबंधित समस्याओं जैसे गंभीर मुद्दों पर पर जोर दिया गया है।
The Ministry of Heavy Industries has directed the Automobile Research Association of India (ARAI) to investigate complaints filed against Ola Electric.
— ANI (@ANI) October 9, 2024
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FAME-II और PM ई-ड्राइव स्कीम्स के तहत हर OEM को ग्राहकों की दिक्कतों के लिए सर्विस सेंटर्स का रखरखाव करना होता है। भारी उद्योग मंत्रालय ने ARAI को चिट्ठी में कहा कि सभी OEMs की ओर से पेश की जाने वाली इन दोनों स्कीम्स के तहत वारंटी भी दी जाती है। चिट्ठी में आगे कहा गया है कि ओला इलेक्ट्रिक स्कीम के तहत लाभार्थी है जिसे FAME-II और PM ई-ड्राइव के तहत ARAI की ओर से योग्यता सर्टिफिकेट जारी किया गया है। इसलिए आपसे इन मामलों पर MHI को जल्द से जल्द प्रतिक्रिया देने के लिए रिक्वेस्ट की जाती है।