जीएसटी संग्रह सितंबर में 6.5 प्रतिशत बढ़कर 1.73 लाख करोड़ रुपये पर |

जीएसटी संग्रह सितंबर में 6.5 प्रतिशत बढ़कर 1.73 लाख करोड़ रुपये पर

जीएसटी संग्रह सितंबर में 6.5 प्रतिशत बढ़कर 1.73 लाख करोड़ रुपये पर

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Modified Date: October 1, 2024 / 10:21 PM IST
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Published Date: October 1, 2024 10:21 pm IST

नयी दिल्ली, एक अक्टूबर (भाषा) माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का सितंबर महीने में सकल संग्रह सालाना आधार पर 6.5 प्रतिशत बढ़कर करीब 1.73 लाख करोड़ रुपये रहा।

सरकार की तरफ से मंगलवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। पिछले साल सितंबर में जीएसटी राजस्व 1.63 लाख करोड़ रुपये था।

हालांकि, मासिक आधार पर जीएसटी संग्रह में कमी आई है। अगस्त, 2024 में कुल संग्रह 1.75 लाख करोड़ रुपये रहा था।

पिछले महीने घरेलू लेनदेन से सकल जीएसटी 5.9 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.27 लाख करोड़ रुपये हो गया। इसके अलावा वस्तुओं के आयात से प्राप्त राजस्व आठ प्रतिशत बढ़कर 45,390 करोड़ रुपये हो गया।

समीक्षाधीन अवधि में जीएसटी विभाग ने 20,458 करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 31 प्रतिशत अधिक है।

रिफंड राशि को समायोजित करने के बाद सितंबर में शुद्ध जीएसटी राजस्व 1.53 लाख करोड़ रुपये रहा। यह एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 3.9 प्रतिशत अधिक है।

इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर अवधि) में जीएसटी संग्रह 9.5 प्रतिशत बढ़कर 10.87 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया।

कर विशेषज्ञों का कहना है कि सितंबर में कर संग्रह मासिक आधार पर सुस्त पड़ने के बावजूद आने वाले महीनों में त्योहारों के दौरान कर संग्रह बेहतर हो सकता है।

पीडब्ल्यूसी इंडिया में साझेदार प्रतीक जैन ने कहा कि दरों को युक्तिसंगत बनाने की कवायद को देखते हुए जीएसटी परिषद को इस पर बारीकी से गौर करने की जरूरत हो सकती है। हालांकि, त्योहारी मौसम आने से अगले कुछ महीनों में संग्रह बेहतर हो सकता है।

डेलॉयट इंडिया में साझेदार एम एस मणि ने कहा कि आने वाले महीनों के लिए जीएसटी राजस्व पर उत्सुकता से नजर रखी जाएगी क्योंकि वे आर्थिक वृद्धि के भी संकेतक हैं और उन्हें जीडीपी आंकड़ों से जोड़कर देखा जा सकता है।

सलाहकार फर्म टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी सर्विसेज में साझेदार विवेक जालान ने उम्मीद जताई कि मौजूदा स्थिति में जीएसटी परिषद की अगली बैठक में राजस्व वृद्धि पर कुछ दूरदर्शी उपाय देखने को मिलेंगे।

भाषा प्रेम

प्रेम अजय

अजय

 

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