नयी दिल्ली, आठ जनवरी (भाषा) बिनौला खल का दाम वायदा कारोबार में कम रहने के बाद सभी तेल-तिलहनों की कीमतों पर दबाव बढ़ने के कारण मूंगफली खल के दाम कमजोर होने के बीच देश के तेल-तिलहन बाजार में बुधवार को मूंगफली तिलहन कीमत में गिरावट दर्ज हुई। वहीं शिकॉगो एक्सचेंज में मजबूती के रुख के कारण सोयाबीन तेल के दाम मजबूत बंद हुए। सरसों तेल-तिलहन, मूंगफली तेल, सोयाबीन तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे।
मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट है जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में मजबूती का रुख है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि बिनौला सीड का दाम कमजोर होने की वजह से मूंगफली, सोयाबीन के किसान परेशान हैं। मूंगफली खल के नहीं बिकने के कारण मूंगफली की पेराई कम हो रही है और राजस्थान में इसका दाम लगभग 5,000 रुपये क्विंटल चल रहा है जबकि मूंगफली का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 6,860 रुपये क्विंटल है। इस कारण मूंगफली तिलहन कीमत में गिरावट है। वहीं मूंगफली तेल पेराई मिलों के कम चलने के कारण मूंगफली तेल के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।
कल मंगलवार को बिनौला खल का वायदा कारोबार में दाम 2,788 रुपये क्विंटल था जो आज घटकर 2,762 रुपये क्विंटल रह गया है। इस गिरावट के कारण पूरा का पूरा तेल-तिलहन और तेल उद्योग प्रभावित हो रहा है। इससे कपास, मूंगफली किसानों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं।
सूत्रों ने कहा कि सबसे सस्ता होने के कारण पूरी दुनिया में सोयाबीन तेल की मांग है। इसके अलावा शिकॉगो एक्सचेंज के मजबूत होने से सोयाबीन तेल के दाम मजबूत बंद हुए। जबकि डी-आयल्ड केक (डीओसी) का दाम बेपड़ता बैठने के कारण सोयाबीन तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।
उन्होंने कहा कि सहकारी संस्था, हाफेड और नाफेड द्वारा सरसों की संतुलित बिक्री के बीच सरसों तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।
सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट का कोई खास असर वहां के तेल पर नहीं आया, क्योंकि इनके दाम काफी अधिक हैं और इसके लिवाल नहीं हैं और यह तेल खप नहीं रहा। इस परिस्थिति में सीपीओ एवं पामोलीन तेल के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।
उन्होंने कहा कि पिछले साल सितंबर में बिनौला खल का वायदा भाव 3,800 रुपये क्विंटल था जबकि दिसंबर अनुबंध का भाव उस वक्त 3,100 रुपये क्विंटल था। अब यह समझ से परे है कि सटोरियों को कैसे इस बात का अंदाजा था कि भारतीय कपास निगम (सीसीआई) बिनौला सीड को सस्ते में बेच सकता है। सीसीआई को बिनौला सीड को स्टॉक कर ऐन जरूरत के वक्त बेचने के लिए तैयार होना चाहिये क्योंकि इस बार कपास का उत्पादन कम है।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन – 6,575-6,625 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली – 5,725-6,050 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,000 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,125-2,425 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 13,675 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,315-2,415 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,315-2,440 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,350 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,250 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 13,000 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,050 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,200 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 13,300 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना – 4,250-4,300 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 3,950-4,050 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,100 रुपये प्रति क्विंटल।
भाषा राजेश राजेश अजय
अजय
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