आवक बढ़ने से पामोलीन से भी सस्ता हुआ मूंगफली तेल का थोक दाम |

आवक बढ़ने से पामोलीन से भी सस्ता हुआ मूंगफली तेल का थोक दाम

आवक बढ़ने से पामोलीन से भी सस्ता हुआ मूंगफली तेल का थोक दाम

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Modified Date:  November 28, 2024 / 09:44 PM IST
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Published Date:  November 28, 2024 9:44 pm IST

नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) मंडियों में आवक बढ़ने के बीच बृहस्पतिवार को देश के प्रमुख बाजारों में मूंगफली तेल का थोक दाम अब पामोलीन तेल के थोक दाम से भी सस्ता हो गया है।

मलेशिया एक्सचेंज में तेजी के बावजूद सरसों तेल-तिलहन, आवक बढ़ने के कारण मूंगफली तेल-तिलहन और कल रात शिकागो एक्सचेंज के गिरावट के साथ बंद होने से सोयाबीन तेल के साथ साथ पंजाब में कपास के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम रहने की वजह से बिनौला तेल के दाम गिरावट के साथ बंद हुए।

दूसरी ओर, सोयाबीन की सरकारी खरीद होने की वजह से सोयाबीन तिलहन कीमतों में सुधार आया। मलेशिया में दाम बढ़ाने और स्थानीय खपत प्रभावित होने के बीच कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल के दाम पूर्वस्तर पर बंद हुए।

बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में 2 प्रतिशत से अधिक की तेजी है जबकि शिकॉगो एक्सचेंज, अमेरिका के ‘थैंक्सगिविंग’ आयोजन की वजह से आज बंद है।

सूत्रों ने कहा कि मौजूदा समय में गुजरात में मूंगफली तेल का थोक दाम 130-140 रुपये किलो है जबकि राजस्थान में इस तेल का थोक दाम 125-128 रुपये किलो है। सरकार द्वारा आयातित तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाये जाने के बाद मूंगफली तेल के थोकदाम में 19 रुपये किलो (लगभग 12 प्रतिशत) की कमी आई है। जबकि विदेशों में मजबूत होते दामों के कारण, हमेशा मूंगफली से नीचे रहने वाले पामोलीन तेल का थोक दाम 133 रुपये किलो हो गया है।

उन्होंने कहा कि आज से छह महीना पहले मूंगफली तेल का थोक दाम लगभग 160 रुपये किलो हुआ करता था जब पामोलीन का थोक दाम लगभग 100 रुपये किलो था। आयात शुल्क बढ़ाये जाने तथा उत्पादन बढ़ने के बाद आज मूंगफली तेल का दाम 126-127 रुपये किलो है जबकि विदेशों में मंहगा होने के बीच पामोलीन तेल का थोक दाम 133 रुपये किलो है। मंहगाई की चिंता करने वाले समीक्षकों को इस तथ्य की ओर भी गौर करना चाहिये।

सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में तेजी रहने के बावजूद सरसों तेल-तिलहन पर कोई असर नहीं दिखा और उसमें गिरावट देखी गई। कल रात शिकागो एक्सचेंज में गिरावट की वजह से सोयाबीन तेल के दाम टूट गये। निर्यात मांग कमजोर रहने की वजह से मूंगफली तेल-तिलहन में गिरावट रही। आम गिरावट के बीच बिनौला तेल के दाम में भी गिरावट देखी गई।

उन्होंने कहा कि दूसरी ओर, सरकारी खरीद के कारण सोयाबीन तिलहन के दाम में मजबूती देखी गई। दाम ऊंचा होने से स्थानीय मांग प्रभावित होने के बीच सीपीओ और पामोलीन तेल के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,550-6,600 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,100-6,475 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,100 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,130-2,430 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,600 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,255-2,355 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,255-2,380 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,600 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,600 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,700 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 12,600 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,400 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,100 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 13,050 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,500-4,550 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,200-4,235 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,100 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

 

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