नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने चमड़ा और फुटवियर उद्योग से वर्ष 2030 तक 50 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखने को कहा है।
बुधवार को यहां उद्योग के साथ बातचीत करते हुए मंत्री ने कहा कि मंत्रालय प्रमाणन प्रक्रिया को सुचारू और लचीला बनाने के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों (क्यूसीओ) पर क्षेत्र की चिंता का समाधान करेगा।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने चमड़ा और फुटवियर यानी जूता-चप्पल क्षेत्र के लिए मार्च में दो क्यूसीओ अधिसूचित किए हैं, जो अगस्त से प्रभावी होंगे।
निर्माताओं को एक अगस्त से पहले पुराना स्टॉक घोषित करने और 30 जून तक घोषित स्टॉक को बेचने का मौका दिया गया है। सूक्ष्म और लघु इकाइयों और निर्यात उद्देश्यों के लिए जूते बनाने के लिए सोल के आयात को आदेश के दायरे से छूट दी गई है।
मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘मंत्री ने उद्योग को एक बड़े दृष्टिकोण के लिए प्रोत्साहित किया और 2030 तक चमड़ा और फुटवियर उद्योग को निर्यात को 50 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखने को कहा।’’
इस बातचीत में 120 से अधिक अंशधारकों ने भाग लिया, जिसमें फुटवियर डिजाइन और विकास संस्थान (एफडीडीआई), चमड़ा निर्यात परिषद (सीएलई) और केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान (सीएलआरआई) जैसे निकायों के प्रतिनिधि शामिल थे।
इस बैठक में प्यूमा, नाइकी, एडिडास, रीबॉक, बाटा, स्केचर्स, लिबर्टी, मेट्रो शूज, रेड टेप और रिलायंस के प्रतिनिधि शामिल हुए।
भारत फुटवियर का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, जो वैश्विक उत्पादन में 10.7 प्रतिशत का योगदान देता है।
यह क्षेत्र भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग दो प्रतिशत का योगदान देता है और लगभग 44.2 लाख लोगों को रोजगार देता है।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जून के दौरान चमड़े और उसके उत्पादों का निर्यात 3.64 प्रतिशत घटकर 1.05 अरब डॉलर का रह गया। वित्त वर्ष 2023-24 में यह करीब 10 प्रतिशत घटकर 4.28 अरब डॉलर का रह गया।
भाषा राजेश राजेश अजय
अजय
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एक भी रुपया लेने से पहले कर्जदाताओं का पैसा लौटाने…
11 hours agoचीनी बाजार में लाभ के लिए जाना चाहते हैं निवेशक,…
11 hours ago