पटना, पांच जनवरी (भाषा) सरकार को सीमेंट पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करना चाहिए और इसकी खपत बढ़ाने के लिए आगामी बजट में कुछ नीतिगत उपाय करने चाहिए।
जेके लक्ष्मी सीमेंट के अध्यक्ष और निदेशक अरुण शुक्ला ने यह बात कही।
उन्होंने पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में कहा कि बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारत में सीमेंट निर्माण क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। इसके औसतन 7-8 प्रतिशत वार्षिक दर से बढ़ने की उम्मीद है।
शुक्ला ने हाल में यहां आयोजित ‘बिहार बिजनेस कनेक्ट-2024’ सम्मेलन के मौके पर पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हमारा लंबे समय से यह सपना रहा है कि सीमेंट पर जीएसटी कम हो।’’
उन्होंने उद्योग की बजट से उम्मीदों के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत में सीमेंट पर सबसे अधिक 28 प्रतिशत कर लगता है और इसे घटाकर 18 प्रतिशत करने की जरूरत है।
शुक्ला ने कहा कि सीमेंट अर्थव्यवस्था में वृद्धि को गति देने वाले प्रमुख घटकों में से एक है। सीमेंट की जरूरत विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि का समर्थन कर सकता है।
उन्होंने भारत में सीमेंट की खपत बढ़ाने की जरूरत पर भी जोर दिया। शुक्ला ने कहा कि सीमेंट कंक्रीट की सड़कें अधिक समय तक चलती हैं और लंबे समय में डामर सड़कों की तुलना में अधिक किफायती होती है।
जेके समूह का हिस्सा जेके लक्ष्मी सीमेंट बिहार के मधुबनी जिले में एक विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए 500 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है।
भारत हरि सिंघानिया परिवार द्वारा प्रवर्तित जेके लक्ष्मी सीमेंट ने 2023 में निवेशकों की बैठक में ही अपनी प्रस्तावित विनिर्माण इकाई के लिए राज्य सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे।
कंपनी ने पहले ही भूमि अधिग्रहण कर लिया है और संयंत्र स्थापित करने के लिए अन्य मंजूरियां हासिल करने की प्रक्रिया में है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम बिहार के मधुबनी में इस संयंत्र से स्थानीय मांग को पूरा करना चाहते हैं। संयंत्र के एक साल के भीतर चालू होने की उम्मीद है।’’
शुक्ला ने राजकोषीय प्रोत्साहन सहित अपने वादों को पूरा करने के लिए बिहार सरकार की सराहना की और कहा कि वे वास्तव में अपनी बात पर खरे उतर रहे हैं।
बिहार में कंपनी के अबतक के अनुभव के बारे में शुक्ला ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अनुभव उत्साहजनक रहा है, और मैं इस बैठक में भाग लेने के लिए दूसरी बार यहां इसलिए आया हूं, ताकि मैं अपना आभार व्यक्त कर सकूं।”
उन्होंने कहा, ‘‘बिहार के सभी हिस्सों, सभी विभागों और नौकरशाही से हमें जिस तरह का समर्थन मिला है, वह अद्भुत है। यह शायद नए स्थान पर नया संयंत्र स्थापित करने का हमारा सबसे अच्छा अनुभव है।’’
जेके लक्ष्मी सीमेंट की वार्षिक क्षमता 1.8 करोड़ टन है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने 2030 तक तीन करोड़ टन तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है।’’
शुक्ला ने कहा कि विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में 1.2 करोड़ टन अतिरिक्त क्षमता विस्तार किया जा रहा है।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय
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