नयी दिल्ली, 23 अगस्त (भाषा) दूरसंचार नियामक ट्राई ने शुक्रवार को सार्वजनिक वाई-फाई सेवाएं प्रदान करने वाले सार्वजनिक डेटा कार्यालयों के लिए ब्रॉडबैंड कनेक्शन शुल्क को खुदरा उपयोगकर्ताओं के बराबर लाने का प्रस्ताव दिया।
ट्राई का मानना है कि देश में सार्वजनिक वाई-फाई स्थलों की संख्या सरकार द्वारा परिकल्पित लक्ष्य संख्या से काफी कम है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने दूरसंचार शुल्क (सातवां संशोधन) आदेश, 2024 के मसौदे के व्याख्यात्मक नोट में पाया कि 100 एमबीपीएस इंटरनेट लीज्ड लाइन टैरिफ का वार्षिक शुल्क खुदरा उपयोगकर्ताओं के लिए 100 एमबीपीएस फाइबर-टू-द-होम (एफटीटीएच) ब्रॉडबैंड कनेक्शन से 40-80 गुना ज्यादा है।
ट्राई ने कहा कि उसका मानना है कि सार्वजनिक डेटा कार्यालयों (पीडीओ), विशेष रूप से स्थानीय दुकानों, खुदरा विक्रेताओं जैसी छोटी इकाइयों की आमतौर पर आमदनी कम होती है और उन्हें न तो आईएलएल कनेक्शन की जरूरत होती है और न ही वे बड़ी वाणिज्यिक संस्थाओं के लिए लागू उच्च बैकहॉल दरों का वहन कर सकते हैं।
नियामक ने कहा, “प्राधिकरण का प्रस्ताव है कि पीएम-वाणी (वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस) योजना प्रदान करने के उद्देश्य से पीडीओ से खुदरा ब्रॉडबैंड (एफटीटीएच) कनेक्शनों की दर के समान शुल्क दर ली जा सकती है, जिस क्षमता के लिए सेवा प्रदाताओं द्वारा ग्राहकों को उक्त खुदरा दर की पेशकश की जा रही है।”
मसौदे में कहा गया है कि प्रस्ताव के क्रियान्वयन के दो वर्ष बाद इसकी समीक्षा की जाएगी।
भाषा अनुराग अजय
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